Bihar Voter List: बिहार में मतदाता सूची पर महायुद्ध! 18 नगर आयुक्तों को सौंपी गई निर्वाचन ज़िम्मेदारी,हर गांव-गली में लगेगा लोकतंत्र का मंथन
Bihar Voter List: बिहार की सियासी जमीन इन दिनों लोकतंत्र की खेती में जुटी है। भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को मिशन मोड में बदल दिया है। ..
Bihar Voter List: बिहार की सियासी जमीन इन दिनों लोकतंत्र की खेती में जुटी है। भारत निर्वाचन आयोग ने राज्य की मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण को मिशन मोड में बदल दिया है। यह केवल प्रशासनिक कवायद नहीं, बल्कि एक लोकतांत्रिक महायज्ञ है जिसमें आयोग ने अपने सबसे प्रभावशाली पुरोहितों को भेजा है।
पहली बार, राज्य के 18 नगर निगमों के आयुक्तों को अतिरिक्त जिला निर्वाचन पदाधिकारी (एडीईओ) की भूमिका सौंपी गई है। यह सत्ता संरचना में एक ऐतिहासिक प्रयोग है, क्योंकि अब तक यह जिम्मेदारी केवल जिलाधिकारियों के हाथों में रही है। लेकिन यह भूमिका अस्थायी है चुनावी सर्वेक्षण के बाद यह विशेष दायित्व समाप्त हो जाएगा।
हर विधानसभा क्षेत्र में जैसे अफसरों की पूरी सेना उतार दी गई है। प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी से लेकर कृषि, बाल विकास, पंचायती राज, सांख्यिकी और श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी तक — सभी को एईआरओ (सहायक निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी) बनाकर मतदाता सत्यापन की जिम्मेदारी दी गई है।
वजीरगंज जैसे क्षेत्रों में 24 एईआरओ की नियुक्ति बताती है कि आयोग इस अभियान को युद्धस्तर पर चला रहा है। कुछ विधानसभा क्षेत्रों में यह संख्या दो से लेकर दो दर्जन तक है।अब तक 7.90 करोड़ फॉर्म में से 3.70 करोड़ से अधिक मतदाता अपने दस्तावेज प्रस्तुत कर चुके हैं यानी 46.95% जनता ने अपनी लोकतांत्रिक उपस्थिति दर्ज करा दी है। दो सप्ताह में 97% फॉर्म घर-घर पहुंचाए जा चुके हैं, जबकि 18.16% फॉर्म ऑनलाइन अपलोड हो चुके हैं।
चुनाव आयोग के अनुसार, अब सिर्फ 17 दिन बचे हैं और लक्ष्य है — हर शेष मतदाता तक पहुंचना। बीते 24 घंटों में ही 82.78 लाख फॉर्म जमा हुए हैं, जो लोकतंत्र की सांसों में भरोसे की गर्माहट घोलता है।यह कोई साधारण पुनरीक्षण नहीं यह है लोकतंत्र की पुनर्पुष्टि। एक प्रशासनिक रण है, जिसमें हर अधिकारी मतदाता की पहचान को भविष्य की सत्ता की नींव बना रहा है।