Bihar ED Raid: बिहार पर ED की नजरें! टेंडर गड़बड़ी से जुड़े मामलों में शुरू की ताबड़तोड़ छापेमारी

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने टेंडर घोटाले में बिहार के भवन निर्माण विभाग के चीफ इंजीनियर उत्तर तारिणी दास के आवास पर छापा मारा, जिसमें 3 करोड़ रुपए कैश बरामद किए गए।

Bihar ED Raid: बिहार पर ED की नजरें!  टेंडर गड़बड़ी से जुड़े मामलों में शुरू की ताबड़तोड़ छापेमारी
Bihar ED Raid- फोटो : social media

Bihar ED Raid: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने गुरुवार को बिहार में टेंडर गड़बड़ी से जुड़े मामलों में ताबड़तोड़ छापेमारी की। भवन निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता उत्तर तारिणी दास के पटना स्थित आवास पर छापेमारी के दौरान करीब 3 करोड़ रुपए कैश बरामद किए गए। इस दौरान ईडी ने कई अन्य दस्तावेज भी जब्त किए, जो टेंडर घोटाले से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। इसके साथ ही पुल निर्माण निगम और बुडको के इंजीनियरों और कुछ प्रशासनिक अधिकारियों के ठिकानों पर भी छापेमारी की गई।

टेंडर में गड़बड़ी का मामला

ईडी को बिहार के भवन निर्माण विभाग, बुडको, और बीएमएसआइसीएल (बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफ्रास्ट्रक्चर कॉरपोरेशन लिमिटेड) में टेंडर गड़बड़ी की बड़ी शिकायतें मिली थीं। इन शिकायतों के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया, जिसके बाद अधिकारियों और इंजीनियरों के खिलाफ छापेमारी की गई। जानकारी के अनुसार, सिंडिकेट के सक्रिय होने की आशंका जताई जा रही है, जो टेंडर को मैनेज करने में लगा हुआ था। यह वही सिंडिकेट है जो पहले भी आईएएस संजीव हंस के मामले में सक्रिय रहा था।

ईडी के रडार पर कई अन्य अधिकारी

ईडी की जांच में कई और अधिकारी और इंजीनियर रडार पर हैं। माना जा रहा है कि आने वाले समय में उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई हो सकती है। गुरुवार को हुई छापेमारी के दौरान प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया, जब कई अधिकारियों के आधा दर्जन से अधिक ठिकानों पर दबिश डाली गई।

छापेमारी देर रात तक चली

पटना के फुलवारीशरीफ इलाके में भवन निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता उत्तर तारिणी दास के घर पर ईडी की छापेमारी देर रात तक चली। इस दौरान ईडी अधिकारियों को बड़ी मात्रा में कैश मिला, जिसके लिए नोट गिनने वाली मशीन मंगवानी पड़ी। यह पूरा ऑपरेशन टेंडर घोटाले से जुड़े मामलों में हो रही जांच का हिस्सा है।

रिटायरमेंट के बाद संविदा पर नियुक्ति

उत्तर तारिणी दास, जो पिछले साल रिटायर हो चुके थे, को संविदा पर बहाल किया गया था और उन्हें उनके पुराने पद पर फिर से नियुक्त कर दिया गया था। इसके अलावा, उन्हें भवन निर्माण निगम में मुख्य महाप्रबंधक का अतिरिक्त प्रभार भी सौंपा गया था। छापेमारी के दौरान कई अन्य चौंकाने वाले खुलासे भी हुए, जिससे घोटाले की गहराई का अंदाजा लगाया जा रहा है।

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