Bihar flood:बिहार में बाढ़ का कहर, पानी हीं पानी, चारों तरफ वीरानी, बाढ़ ने लील लिए गांव, पुल और जिंदगियां, पटना-भागलपुर- बांका सबसे अधिक प्रभावित
Bihar flood: बिहार पर आसमान से आफत टूट पड़ी है।राजधानी पटना से लेकर भागलपुर, बांका, बक्सर, कहलगांव और नवगछिया जैसे क्षेत्र बाढ़ की विनाशलीला हर तरफ कहर बरपा रही है।
Bihar flood: बिहार पर आसमान से आफत टूट पड़ी है। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश ने न सिर्फ जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है, बल्कि गंगा और उसकी सहायक नदियों को उफान पर पहुंचा दिया है। राजधानी पटना से लेकर भागलपुर, बांका, बक्सर, कहलगांव और नवगछिया जैसे क्षेत्र बाढ़ की विनाशलीला हर तरफ़ कहर बरपा रही है।
पटना के दीघा और गांधी घाट पर गंगा का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर चुका है। दानापुर से आई तस्वीरें दिल दहला देने वाली हैं। यहां पशुपालक मवेशियों की पूंछ पकड़कर या उन पर सवार होकर उफनती गंगा को पार कर रहे हैं, ताकि जानवरों को चारा मिल सके। लगभग 250 मवेशी रोज़ जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे हैं।
पटना में गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। दियारा इलाकों में पानी घुसने लगा है और लोग सुरक्षित स्थानों की ओर पलायन कर रहे हैं। इस बीच, सावन के अंतिम सोमवार को गंगा घाटों पर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ी।बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन ने गांधी घाट समेत सभी गंगा घाटों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। जिला प्रशासन और एसडीआरएफ (SDRF) की टीमें घाटों पर तैनात हैं। हालांकि, इसके बावजूद कुछ लोग जान जोखिम में डालकर गंगा में छलांग लगाते नजर आ रहे हैं।मौसम विभाग के अलर्ट के बाद लगातार हो रही बारिश से गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी हो रही है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, गंगा का जलस्तर लगातार खतरे के निशान को छू रहा है। फिलहाल, प्रशासन इस स्थिति से निपटने की पूरी तैयारी कर रहा है और लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
बक्सर में रामरेखा घाट पूरी तरह जलमग्न है और ताड़का नाले के किनारे बसे घरों में बाढ़ का पानी घुस चुका है। गंगा का जलस्तर अब हर घंटे 1 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है। कोसी और चांदन जैसी सहायक नदियों में भी जलस्तर का प्रकोप जारी है। भागलपुर के मशहूर बूढ़ानाथ मंदिर तक पानी पहुंच गया है, और मशानी काली मंदिर जलमग्न हो चुका है।
भागलपुर के सबौर-जमसी मार्ग कतरिया नदी के उफान से बंद हो गया है। भिट्ठी और सरधो गांवों में चारों ओर पानी फैला है, और अब खेतों के बाद घर भी जलमग्न हो रहे हैं। इस्माईलपुर-बिंद टोली में गंगा 57 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है, जबकि मदरौनी में कोसी नदी चेतावनी स्तर के करीब है।स्पर और तटबंध टूटने लगे हैं। स्पर संख्या नौ ध्वस्त हो चुका है और आठ पर भारी दबाव है।ठेकेदारों को 24 घंटे फ्लड फाइटिंग के लिए तैयार रहने का आदेश मिला है।
कहलगांव में गंगा खतरे के निशान से 39 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। कुआ, घोघा, गेरूआ और भयाना नदियों ने पकड़तल्ला, आमापुर छोटी, तोफिल अनठावन समेत दर्जनों गांवों को घेर लिया है। लोग टीन की नावों में सफ़र कर रहे हैं, क्योंकि सड़कों का नामोनिशान मिट गया है।
भागलपुर में इस तबाही में मौत ने भी दस्तक दे दी। सनोखर थाना क्षेत्र में दो मासूमों की डूबने से मौत हो गई—एक कुशहा गांव का 15 वर्षीय मु. शमीम, जो बाढ़ के पानी में नहाते समय डूब गया। पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि अभी राहत की उम्मीद कम है। आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं। प्रशासन सतर्क है, लेकिन प्राकृतिक कहर के आगे इंसानी प्रयास कमज़ोर पड़ते दिख रहे हैं।