चंदन मिश्रा की मौत के पीछे यार का खंजर, इश्क़ की आग में जली दोस्ती! मोहब्बत बना कत्ल की वजह!दोस्ती में दरार और फिर यार शेरु बन गया गद्दार, तस्वीर भी देखिए
Chandan Mishra Murder Case: इश्क़ की आग में चंदन मिश्रा और शेरु की दोस्ती को आग लग गई। चंदन मिश्रा की मौत के पीछे यार ने हीं खंजर भोंक दिया.....
Chandan Mishra Murder Case: बक्सर के जुर्म की गलियों में एक दौर ऐसा भी था जब दो नामों की दहशत थी – चंदन मिश्रा और शेरू सिंह उर्फ ओंकारनाथ। जुर्म की जयरामनुमा दुनिया में दोनों ने साथ-साथ कदम रखा। जय-वीरू की तरह एक बाइक पर चलते, एक हैंडल थामता तो दूसरा गोली चलाने को तैयार रहता। इन दोनों ने महज़ 20 बरस की कच्ची उम्र में आठ हत्याओं को अंजाम दिया, वो भी रंगदारी वसूली के लिए। बक्सर का हर नुक्कड़ इनका नाम सुनते ही कांप उठता था।
मगर दोस्ती की दीवार में दरार तब पड़ी, जब शेरू की नजर चंदन की रिश्ते की बहन पर जा टिकी। आशनी ने इश्क का रंग पकड़ा, पर छुपाए कहां छुपता है दिल का रोग? ब्राह्मण-राजपूत के मोहब्बत का फसाना, गली-मुहल्लों में जग हंसाई का सबब बनने लगा। चंदन को बात चुभ गई। दोस्ती का खून हो चुका था।
फिर वक्त ने करवट ली। पटकथा लिखी गई जेल के भीतर, किरदार थे शेरू और उसका गिरोह। 14 जुलाई को पटना के नामी पारस अस्पताल में 5 हथियारबंद शूटर दाखिल होते हैं। दूसरी मंज़िल के कमरा नंबर 209 में दाख़िल होकर, बिना हड़बड़ी के गोलियां लोड करते हैं और खूंखार अपराधी चंदन मिश्रा को ठोक देते हैं। काम खत्म, और हत्यारे इत्मीनान से निकल लेते हैं।
जांच में चौंकाने वाली परतें खुलती हैं। साजिश रची गई थी बिहार की जेल में, और डोर हिला रहा था बंगाल के पुरूलिया जेल में बंद शेरू। पुलिस ने शेरू से कड़ाई से पूछताछ की, जिसमें उसने स्वीकार किया कि कत्ल की स्क्रिप्ट उसी ने लिखवाई थी। अब उसी के शागिर्द से पूछताछ की तैयारी है, जो बिहार की जेल में बंद है।
ये महज़ हत्या नहीं थी, ये दोस्त से दुश्मन बने दो गैंगस्टरों की आख़िरी लड़ाई थी। कभी साझीदार-ए-जुर्म रहे दो बदनाम नाम अब एक की कब्र और दूसरे की सजा में तब्दील हो चुके हैं।
बक्सर की ये कहानी बताती है कि अपराध की दुनिया में वफ़ा नहीं चलती, वहां या तो चाल चलो या मौत से मिलो।दोस्ती, इश्क, बदला और बारूद... सब एक कहानी में समा गया – जिसका नाम है: चंदन बनाम शेरू।
कुलदीप भारद्वाज की सनसनीखेज रिपोर्ट