Bihar Election Result 2025: गया जिले में शिक्षा की चमक! सभी दस सीटों पर उच्च शिक्षित नेताओं की जीत, देखें डॉक्टर से लेकर इंजीनियर की पूरी लिस्ट

Bihar Election Result 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में गया जिले के सभी दस क्षेत्रों से उच्च शिक्षित प्रत्याशियों की जीत ने विकास, नेतृत्व और योजनाओं की समझ को नई दिशा दी है।

गया जिलों के विजयी प्रत्याशी- फोटो : social media

Bihar Election Result 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 ने गया जिले की राजनीति में एक अनोखा पल दर्ज किया है। लंबे समय बाद ऐसा हुआ जब जिले के सभी दस विधानसभा क्षेत्रों से चुने गए प्रतिनिधि मजबूत शैक्षणिक पृष्ठभूमि वाले हैं। यह परिणाम बताता है कि यहां के मतदाताओं ने इस बार जातीय या पारंपरिक छवि से आगे बढ़कर पढ़े-लिखे और समझदार नेतृत्व को चुना है। गया जैसे सांस्कृतिक और सामाजिक रूप से समृद्ध जिले में यह बदलाव नई राजनीतिक सोच का संकेत देता है, जिसमें विकास, प्रशासनिक दक्षता और नीति-समझ को अधिक महत्व दिया जा रहा है।

गया शहरी से प्रेम कुमार की ऐतिहासिक वापसी

गया शहरी सीट एक बार फिर प्रेम कुमार ने जीती और यह उनकी लगातार नौवीं जीत है। उन्होंने स्नातकोत्तर, एलएलबी और मगध विश्वविद्यालय से पीएचडी की है। लंबे अनुभव और शैक्षणिक गहराई के कारण क्षेत्र के विकास संबंधी मुद्दों पर उनकी पकड़ हमेशा मजबूत रही है।

वजीरगंज में वीरेंद्र सिंह की सधी हुई रणनीति

वजीरगंज से विजयी हुए वीरेंद्र सिंह ने 1994 में मगध विश्वविद्यालय से बीए किया था। वर्षों से संगठन में सक्रिय रहने और जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़ाव ने उन्हें इस बार स्पष्ट बढ़त दिलाई।

गुरुआ सीट पर उपेंद्र प्रसाद की विचारशील पहचान

गुरुआ से चुने गए उपेंद्र प्रसाद दर्शनशास्त्र में पीएचडी रखते हैं। मानव व्यवहार और सामाजिक संरचना की गहरी समझ उनके कामकाज में दिखाई देती है। यही कारण है कि लोगों ने उन्हें भरोसे के साथ फिर चुना।

बेलागंज में मनोरमा देवी का संवेदनशील नेतृत्व

बेलागंज से जदयू की मनोरमा देवी इस बार भी जीत दर्ज करने में सफल रहीं। उन्होंने 1997 में स्नातकोत्तर किया था। महिला विकास और सामाजिक कार्यक्रमों पर लगातार सक्रिय रहने से उन्हें यह मजबूत समर्थन मिला।

बाराचट्टी में जनसंपर्क की बदौलत जीत

बाराचट्टी की ज्योति देवी ने भले ही 2016 में इंटर (कला) की पढ़ाई पूरी की हो, लेकिन उनका जनता से गहरा संबंध उनकी जीत की सबसे बड़ी वजह बना। लोगों की समस्याओं को सीधे सुनने और हल करवाने की शैली ने उन्हें लोकप्रिय नेता बनाया।

अतरी में तकनीकी सोच के साथ आगे बढ़ते रोमित कुमार

अतरी से जीतने वाले रोमित कुमार ने 2008 में पुणे यूनिवर्सिटी से बीई की पढ़ाई की। इंजीनियरिंग की पृष्ठभूमि उन्हें क्षेत्र की अवसंरचना, सड़क और आधुनिक सुविधाओं के विकास में सक्षम बनाती है।

बोधगया में कुमार सर्बजीत की तकनीकी दृष्टि

बोधगया सीट से कुमार सर्बजीत ने B.Tech (प्रोडक्शन) BIT रांची से किया है। उनका इंजीनियरिंग अनुभव क्षेत्र में पर्यटन, सड़क, रोशनी और शहरी विकास की योजनाओं को एक नई दिशा दे सकता है।

टिकारी में इतिहास पढ़ने वाले अजय कुमार की जीत

टिकारी से राजद के अजय कुमार इतिहास विषय से स्नातक हैं। सामाजिक पृष्ठभूमि और संस्कृति की समझ उनके चुनाव अभियान की मुख्य ताकत बनी, जिसकी वजह से वे लोगों से गहरा जुड़ाव बना पाए।

शेरघाटी में इंजीनियर उदय कुमार सिंह की मजबूत उपस्थिति

शेरघाटी से चुने गए उदय कुमार सिंह ने 1997 में बैंगलोर यूनिवर्सिटी से बीई किया था। स्थानीय विकास, सड़क और पेयजल की योजनाओं पर उनकी तकनीकी समझ उन्हें इस क्षेत्र में खास बनाती है।

इमामगंज में दीपा मांझी की उभरती भूमिका

इमामगंज से दीपा मांझी ने मगध विश्वविद्यालय से स्नातकोत्तर किया है। महिलाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और सामाजिक कल्याण के मुद्दों पर उनकी सक्रियता ने उन्हें एक मजबूत और भरोसेमंद नेता का दर्जा दिया है।

जिले में पढ़े-लिखे नेतृत्व का क्या मतलब है?

गया के सभी विजयी विधायकों के शिक्षित होने से यह साफ है कि मतदाता अब गंभीर और नींव मजबूत करने वाले नेतृत्व की तरफ झुक रहे हैं। यह बदलाव प्रशासन, तकनीकी विकास, सामाजिक सुधार और पारदर्शिता पर आधारित नए युग का संकेत है। आने वाले वर्षों में गया जिला योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन और नए विकास मॉडलों के लिए एक मिसाल बन सकता है।