निबंधित और योग्य फार्मासिस्टों की कमी से मरीजों के स्वास्थ्य पर हो रहे प्रभाव को लेकर सरकार ने हाईकोर्ट में दिया जवाब, जानें क्या कहा

Patna - पटना हाईकोर्ट में राज्य में निबंधित और योग्य फार्मासिस्ट के पर्याप्त संख्या नहीं होने के कारण लोगों के स्वास्थ्य पर होने वाले असर  के मामले पर सुनवाई 8 अगस्त ,2025 को होगी। चीफ जस्टिस विपुल एम पंचोली की  खंडपीठ में इस जनहित याचिका पर सुनवाई होगी।

 पिछली सुनवाई में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पीके शाही ने कोर्ट को बताया था कि बिहार राज्य फार्मेसी कॉउन्सिल सभी निबंधित फार्मासिस्टों की जांच कर रही है। इस मामलें पर सरकार गंभीरता से कार्रवाई कर रही है ।

 पूर्व में कोर्ट ने इस मामलें पर  सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को जवाब देने का निर्देश दिया था। ये जनहित याचिका मुकेश कुमार ने दायर किया है।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता प्रशान्त सिन्हा ने कोर्ट को बताया था कि राज्य में लगभग दस हजार अस्पताल है,जबकि निबंधित फरमासिस्टों की संख्या छह सौ से कुछ अधिक है।

उन्होंने कोर्ट को बताया था कि डॉक्टरों द्वारा लिखे गए पर्ची पर निबंधित फार्मासिस्टों द्वारा दवा नहीं दी जाती है।उन्होंने कोर्ट को जानकारी दी थी कि बहुत सारे सरकारी अस्पतालों में अनिबंधित नर्स,एएनएम,क्लर्क ही फार्मासिस्ट का कार्य करते है।

उन्होंने कोर्ट को बताया था कि बिना जानकारी और योग्यता के ही ये लोग मरीजों को दवा देते है,जबकि ये कार्य निबंधित फार्मासिस्टों द्वारा किया जाना है।

 उन्होंने कोर्ट के समक्ष तथ्यों को रखते हुए कहा था इससे आम लोगों का स्वास्थ्य और जीवन पर खतरा उत्पन्न हो रहा है।उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया था कि  कमिटी कॉउन्सिल की क्रियाकलापों की जांच करें,क्योंकि ये गलत तरीके से जाली डिग्री देती है।