PATNA HIGHCOURT -आनुवंशिक रोग डीएमडी के इलाज की व्यवस्था को लेकर हाईकोर्ट ने केंद्र और एम्स से मांगा जवाब

PATNA HIGHCOURT - अनुवांशिक रोग मस्कूलर डिस्ट्राफी के इलाज को लेकर की जा रही व्यवस्था को लेकर हाईकोर्ट ने केंद्र और एम्स से जवाब मांगा है। कोर्ट ने पूछा है है बीमारी के महंगे इलाज और दवाओं के लिए सरकार की प्लानिंग क्या है।

PATNA HIGHCOURT -आनुवंशिक रोग डीएमडी के इलाज की व्यवस्था को लेकर हाईकोर्ट ने केंद्र और एम्स से मांगा जवाब

पटना हाईकोर्ट राज्य में एक गंभीर आनुवंशिक रोग डीएमडी (डचेन मस्कूलर डिस्ट्रॉफी) के खर्चीले इलाज और महँगी दवाई से सम्बन्धित जनहित याचिका पर सुनवाई की। एक्टिंग चीफ जस्टिस आशुतोष कुमार की खंडपीठ ने राजू यादव की जनहित याचिका पर सुनवाई के करते हुए केंद्र सरकार और एम्स,पटना से जवाब तलब किया है। कोर्ट ने ये बताने को कहा है कि इस घातक बीमारी के इलाज के लिए विशेष अस्पताल बनाने के लिए क्या कार्रवाई हो रही है।साथ ही इसके लिए मूलभूत सुविधाओं के लिए क्या किया जा रहा है।

IGIMS में व्यवस्था में मिली थी खामियां

एम्स,पटना के अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने बताया कि  पूर्व में  केंद्र सरकार की एक टीम ने पटना के आईजीआईएमएस,अस्पताल का निरीक्षण किया था। इस बीमारी के इलाज के विशेष चिकित्सा अस्पताल की संभावनाओं के लिए निरीक्षण किया,लेकिन काफी कमियाँ और खामियाँ पा कर केंद्र सरकार की टीम ने इसे रद्द कर दिया।

पिछली सुनवाई में  राज्य सरकार की ओर से कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत की गयी थी।राज्य सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता सूर्यदेव यादव ने कोर्ट को राज्य सरकार द्वारा इस बीमारी के इलाज और दवाई के उपलब्धता के सम्बन्ध कार्रवाई रिपोर्ट पेश की थी। उन्होंने कोर्ट को बताया था  कि इस बीमारी के इलाज और दवाओं के उपलब्धता के लिए कार्रवाई की जा रही है।

भारत में नहीं मिलती दवा

उन्होंने बताया कि इस सम्बन्ध में की जा रही कार्रवाईयों का ब्यौरा केंद्र सरकार को भेज दिया गया है।इस जनहित याचिका में  ये बताया गया कि इस आनुवंशिक बीमार से पीड़ितों के इलाज में काफी मुश्किलें होती है। कोर्ट को बताया गया कि इलाज में काफी पैसे खर्च होते है।साथ ही इस बीमारी के इलाज के लिए दवाएं काफी महँगी है।ये दवाएं भारत में उपलब्ध नहीं है। ये दवाएं अमेरिका में  उपलब्ध है।

इस कारण  जहाँ इस गंभीर बीमारी की दवा भारत में  नहीं मिलती,और अमेरिका से मिलने वाली दवा काफी खर्चीला है।इसलिए इस गंभीर आनुवंशिक बीमारी का इलाज में  बहुत सारी कठिनाइयाँ होती है।  इस मामलें पर पटना एम्स की ओर से कोर्ट के समक्ष अधिवक्ता विनय कुमार पाण्डेय ने पक्षों को रखा।इस मामलें पर अगली सुनवाई आठ सप्ताह बाद की जाएगी।

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