पटना मेयर सीता साहू और उनके बेटे शिशिर के खिलाफ नहीं होगी कोई दंडात्मक कार्रवाई, हाईकोर्ट ने दिया आदेश

Patna - पटना हाईकोर्ट ने पटना नगर निगम की  मेयर सीता साहू व उनके बेटे शिशिर कुमार के विरुद्ध कोई दंडात्मक  कार्रवाई पर अगले आदेश तक रोक लगाते हुए बड़ी राहत दी ।जस्टिस शैलेन्द्र सिंह ने सीता साहू व शिशिर कुमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को 22अगस्त, 2025 तक जवाब देने का निर्देश दिया है

निष्पक्ष जांच के निर्देश

 कोर्ट ने इस घटना की सीसीटीवी फुटेज एक पेन ड्राइव में देने का निर्देश दिया। इस मामलें पर अगली 22अगस्त, 2025 को की जाएगी। कोर्ट ने डीजीपी को निर्देश दिया कि  गांधी मैदान थाना कांड संख्या 403/2025 की निष्पक्ष और त्वरित जाँच सुनिश्चित की जाये।इस मामलें की जांच एक वरीय पुलिस अधिकारी,जो एसपी  रैंक का हो,से कराई जाये। 

नहीं जोड़ी गई अलग से कोई धारा

याचिकाकर्ताओं की ओर से वरीय अधिवक्ता अंशुल ने कोर्ट को बताया कि इस एफआईआर से स्पष्ट है कि   कोई धारा अलग से नही जोड़ी गयी है।उन्होंने पहले की सुनवाई में बताया था कि   इस मामलें में जो धाराएं लगायी गयी है,वे जमानतीय है।।लेकिन राज्य सरकार की ओर से बताया गया था कि आर्म्स एक्ट के तहत भी धाराएं लगायी गयी है।कोर्ट ने  कहा था ये सुनिश्चित करने के लिए प्राथमिकी की प्रति कोर्ट में प्रस्तुत की जाये,जिससे धाराओं की जानकारी हो सके।

राजनीतिक प्रतिशोध से प्राथमिकी

वरीय अधिकारी अंशुल ने कोर्ट को बताया कि  महापौर ने अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को राजनीतिक प्रतिशोध बताया है और इसे रद्द करने की मांग की है। महापौर का कहना है कि 11 जुलाई, 2025 को नगर निगम की आमसभा में नगर आयुक्त से मतभेद के बाद एक पार्षद द्वारा गांधी मैदान थाना में प्राथमिकी संख्या 403/2025 दर्ज कराई गई। 

इसमें भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 126, 115, 352, 351(3) और 3(5) के तहत आरोप लगाए गए हैं।12 जुलाई ,2025 की रात पुलिस ने बिना सर्च या गिरफ्तारी वारंट के महापौर के आवास पर छापा मारा। परिजनों के अनुसार, उस समय पूरा परिवार एक पारिवारिक कार्यक्रम में शामिल था। 14 जुलाई,2025 को पुलिस ने महापौर के पुत्र शिशिर कुमार के झारखंड स्थित ससुराल में भी छापेमारी की। 

सुप्रीम कोर्ट के दिशा निर्देश  का उल्लंघन

याचिका में कहा गया है कि यह कार्रवाई अर्नेश कुमार बनाम बिहार सरकार में सुप्रीम कोर्ट द्वारा तय दिशा-निर्देशों का उल्लंघन है। महापौर ने एफआईआर रद्द करने के साथ-साथ एक स्वतंत्र जांच टीम गठित कर मामले की निष्पक्ष जांच कराने की मांग की थी।

उल्लेखनीय है कि सुप्रीम कोर्ट ने 1 अगस्त,2025 को याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि मामला पटना से जुड़ा है, इसलिए पटना हाईकोर्ट इस मामलें पर सुनवाई करने के लिए   बेहतर स्थिति में है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को याचिका की जांच कर 4 अगस्त,2025 को सम्बन्धित बेंच के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था।

अब इस मामले की सुनवाई 22अगस्त,2025 को की जाएगी।वरीय अधिवक्ता अंशुल व अधिवक्ता मयूरी ने याचिकाकर्ताओं की ओर से कोर्ट के समक्ष तथ्यों को प्रस्तुत किया।सरकारी अधिवक्ता प्रभु नारायण शर्मा ने राज्य सरकार का पक्ष कोर्ट के समक्ष रखा ।