Bihar sand mining - खनन विभाग को बालू घाटों के लिए नहीं मिले ठेकेदार, टेंडर जारी करने के बाद भी आधे से अधिक घाटों की नहीं हुई नीलामी

Bihar sand mining - बिहार खनन विभाग द्वारा प्रत्यापित बालू घाटों के फिर से निलामी की कोशिश की गई। लेकिन आधे से अधिक बालू घाटों के लिए ठेकेदार नहीं मिले, जिससे नीलामी नहीं हो पाई।

Patna - उपमुख्यमंत्री- सह- खान एवं भूतत्व विभाग के मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने बताया कि बिहार सरकार विकासात्मक परियोजनाओं को निर्धारित समय पर पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने अपने कार्यालय कक्ष में प्रेस वार्ता कर इसपर जानकारी देते हुए कहा कि राज्य में बुनियादी ढांचों के सुसंगत विकास और विस्तार में खान एवं भूतत्व विभाग अपनी निर्णायक भूमिका को भलीभांति जानता है। इसलिए हमारा प्रयास रहा है कि कार्य विभागों से लेकर आम आदमी तक अवैध प्रचालनों से मुक्त और लागत प्रभावी दर से मांग के अनुसार बालू, मिट्टी, पत्थर, गिट्टी जैसे लघु खनिजों की उपलब्धता सुनिश्चित हो। 

श्री सिन्हा ने आगे कहा कि विकास जुड़ी परियोजनाओं को गति देने के लिए आज राज्य में 180 बालूघाट संचालित हैं । इनके अलावा सफेद बालू के 18 बालू घाट क्रियाशील हैं । साथ ही अवैध खनन पर दबिश के कारण जब्त बालू का उपयोग भी कार्यों विभागों जरूरतों को पूरा करने में किया जाएगा । राज्य के विभिन्न जिलों से मिले आंकड़ों के हिसाब से राज्यभर में कुल मिलाकर करीब 2 करोड़ 18 लाख 84 हजार 65 घनफीट  बालू की जब्ती हुई है। जिन्हें मांग के अनुसार शिड्यूल रेट पर कार्य विभागों को उपलब्ध कराया जाएगा ।

श्री सिन्हा ने बताया कि विभिन्न जिलों में नीलामित हुए बालू घाटों में से कुल 37 घाट विभाग को प्रत्यर्पित हो गए थे। इस प्रत्यर्पण का मुख्य कारण घाट की अनुमान्य राजस्व क्षमता से अधिक बोली लगाना था । जब विभाग की ओर से अवैध खनन पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनायी गई, तब इन घाटों का प्रत्यर्पण कराया गया। हमने इनसे जुड़े संवेदकों पर भी नियमानुसार कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। दूसरी तरफ विभाग की ओर से   29 प्रत्यर्पित घाटों की पुनः नीलामी कराई गई, जिनमें 14 बालू घाटों की नीलामी सफल रही है । 

श्री सिन्हा ने कहा कि बीते दिनों कुछ विभागों के हवाले से प्रेस के माध्यम से बालू की कमी खबर सामने आई थी। इसलिए आज हमने राज्य के सभी खनन विकास पदाधिकारियों के साथ बैठक भी की है। 

विभाग ने पत्र द्वारा  सभी जिलों को निदेशित किया है कि परियोजनाओं में बालू की निर्बाध उपलब्धता के लिए बिहार खनिज नियमावली-2019 के नियम-78 के तहत कार्य विभागों को उनकी मांग के अनुसार सीधा खनन पट्टा प्राप्त कराने का विकल्प दिया जाए । ताकि बिना किसी बाधा के बिहार की प्रगति की गति बनी रहे ।