Tejashwi Yadav On ceasefire: भारत-पाकिस्तान सीजफायर के बीच तेजस्वी यादव ने PM मोदी की बड़ी मांग, कहा- 'सर्वदलीय बैठक में प्वाइंट टू प्वाइंट....'

Tejashwi Yadav On ceasefire: चार दिन की सैन्य तनातनी के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा हुई है। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने इसकी जानकारी दी, जबकि तेजस्वी यादव ने संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है।

Tejashwi Yadav - फोटो : social media

Tejashwi Yadav On ceasefire: भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चले सैन्य तनाव और जवाबी कार्रवाई के बाद शनिवार शाम को सीजफायर की घोषणा कर दी गई। विदेश सचिव विक्रम मिसरी ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि पाकिस्तान के डीजीएमओ ने फोन कॉल कर भारत के साथ संघर्ष विराम की पहल की, जिस पर सहमति बन गई है।

यह फैसला तब आया जब 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने 6-7 मई की रात 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पीओके और पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों पर बड़ी कार्रवाई की थी।

पाकिस्तान ने बढ़ाया हाथ, भारत ने दी सहमति

विक्रम मिसरी ने बताया कि शनिवार दोपहर 3:35 बजे पाकिस्तान के डीजीएमओ ने भारतीय डीजीएमओ को कॉल किया और शाम 5 बजे से सीजफायर लागू करने की बात कही। इस बातचीत में यह तय हुआ कि दोनों पक्ष जमीन, हवा और समुद्र मार्ग से सैन्य कार्रवाई तुरंत रोक देंगे। उन्होंने यह भी बताया कि इस समझौते के क्रियान्वयन के निर्देश दोनों सेनाओं को दे दिए गए हैं, और दोनों देश 12 मई को दोबारा बातचीत करेंगे, ताकि आगे की स्थिति की समीक्षा की जा सके।

तेजस्वी यादव ने मांगा संसद का विशेष सत्र

सीजफायर के बाद अब राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी सामने आने लगी हैं। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राजद नेता तेजस्वी यादव ने केंद्र सरकार से संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। तेजस्वी यादव ने कहा,''प्रधानमंत्री से आग्रह है कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर पहलगाम की आतंकी घटना से लेकर सीजफायर तक की तिथिवार और बिंदुवार जानकारी देश को दें। भारतीय सेना के शौर्य, पराक्रम को धन्यवाद देने का अवसर मिले और आतंकिस्तान को एक साझा संदेश जाए।”तेजस्वी ने कहा कि यह वक्त है जब सभी राजनीतिक दल एकजुट होकर सेना के साथ खड़े हों और भारत की विदेश और रक्षा नीति पर सर्वदलीय सहमति बनाएं।

क्यों अहम है यह सीजफायर?

पाकिस्तान की ओर से पिछले चार दिनों में ड्रोन, मिसाइल और तोपों के ज़रिए करीब 36 ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की गई। वहीं भारत ने इन हमलों का सख्त जवाब देते हुए तीन एयरबेस सहित कई आतंकवादी ठिकानों को ध्वस्त किया। इस संघर्ष विराम से दोनों देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति पर फिलहाल विराम लगा है, लेकिन भरोसे की बहाली के लिए यह पहला कदम माना जा सकता है।