न्यायमूर्ति पवनकुमार बाजंत्री ने ली शपथ, बने पटना हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश
एक गरिमामयी समारोह में न्यायमूर्ति पवनकुमार भीमप्पा बाजंत्री ने पटना उच्च न्यायालय के 46वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राजभवन में उन्हें शपथ दिलाई।
Patna High Court gets new Chief Justice: पटना उच्च न्यायालय को नया नेतृत्व मिल गया है। एक गरिमामयी समारोह में न्यायमूर्ति पवनकुमार भीमप्पा बाजंत्री ने पटना उच्च न्यायालय के 46वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राजभवन में उन्हें शपथ दिलाई। इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी, मंत्रिमंडल के सदस्य, न्यायपालिका और राजनीतिक जगत की कई महत्वपूर्ण हस्तियां मौजूद थीं।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को ही न्यायमूर्ति बाजंत्री की नियुक्ति को मंजूरी दी थी। उनका कार्यभार संभालना इसलिए भी खास है क्योंकि पटना हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस विपुल एम. पंचोली को सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश बनाया गया है। न्यायमूर्ति पंचोली का कार्यकाल लंबा रहेगा और वे अक्टूबर 2031 से मई 2033 तक देश के मुख्य न्यायाधीश (CJI) भी रहेंगे।
न्यायमूर्ति पवनकुमार भीमप्पा बाजंत्री का जन्म 23 अक्टूबर 1963 को हुआ था। उन्होंने शुरुआती शिक्षा धारवाड़ स्थित विद्यावर्धक संघ से प्राप्त की, जो एक 135 वर्ष पुराना कन्नड़ सांस्कृतिक संगठन है। आगे की पढ़ाई उन्होंने कर्नाटक लिंगायत एजुकेशन सोसायटी से संबद्ध स्कूलों से पूरी की। स्नातक स्तर पर उन्होंने बेंगलुरु के एसजेआर लॉ कॉलेज से विधि शिक्षा हासिल की।
1990 में उन्होंने कर्नाटक उच्च न्यायालय की बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में नामांकन कराया।इस दौरान उन्होंने विभिन्न विधिक शाखाओं में अभ्यास किया और कर्नाटक लोक सेवा आयोग की ओर से उच्च न्यायालय में पक्षकार बने।2 जनवरी 2015 को उन्हें कर्नाटक उच्च न्यायालय का अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया।16 मार्च 2015 को उनका स्थानांतरण पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में कर दिया गया।करीब साढ़े तीन साल बाद, 17 नवंबर 2018 को वे वापस अपने मूल कर्नाटक उच्च न्यायालय लौटे।
न्यायमूर्ति बाजंत्री के शपथ ग्रहण को पटना उच्च न्यायालय और बिहार की न्यायपालिका में नई ऊर्जा और दिशा देने वाला कदम माना जा रहा है। विधि क्षेत्र में उनके लंबे अनुभव और विभिन्न उच्च न्यायालयों में सेवा का लाभ अब बिहार की न्याय व्यवस्था को मिलेगा।