Bihar Land : बिहार में जमीन खरीदना होगा महंगा, नया सर्किल रेट लागू होते ही जमीन की कीमतों में आएगी उछाल, रजिस्ट्री तीन गुना तक बढ़ाने की तैयारी

Bihar Land Survey:बिहार में भूमि बाज़ार की तासीर एक बार फिर बदलने वाली है, क्योंकि राज्य सरकार नये सर्किल रेट (एमवीआर) को जनवरी से लागू करने की अंतिम तैयारी में जुट चुकी है।

बिहार में जमीन खरीदना होगा महंगा- फोटो : social Media

Bihar Land:बिहार में भूमि बाज़ार की तासीर एक बार फिर बदलने वाली है, क्योंकि राज्य सरकार नये सर्किल रेट (एमवीआर) को जनवरी से लागू करने की अंतिम तैयारी में जुट चुकी है। जमीन रजिस्ट्री से जुड़ी यह कवायद न सिर्फ़ प्रशासनिक है, बल्कि आम लोगों की जेब और रियल एस्टेट की सियासत—दोनों पर गहरा असर डालने वाली है। पटना जिले में नगर निगम के सभी 75 वार्डों में जमीन और फ्लैट की कीमतों का पुनर्मूल्यांकन तेज़ी से किया जा रहा है। जिले के नप क्षेत्रों और ग्रामीण इलाकों में भी मूल्यांकन प्रक्रिया अंतिम दौर में पहुंच चुकी है।

आधिकारिक सूत्र बताते हैं कि यदि संशोधित एमवीआर लागू होता है तो जमीन की रजिस्ट्री तीन गुना तक महंगी हो सकती है। अनुमान है कि दो सौ से तीन सौ सर्किल रेट तक बढ़ोतरी संभावित है। जिला निबंधन कार्यालय इलाके-वार रिपोर्ट तैयार कर रहा है, ताकि हर क्षेत्र की जमीन का मूल्य वर्तमान बाजार दर के अनुरूप तय किया जा सके। अधिकारियों के मुताबिक वर्ष 2013 से सर्किल रेट में कोई वृद्धि नहीं हुई, जबकि इस बीच कई लोकेशन की कीमतें आसमान छू चुकी हैं। ऐसे में सरकार का जोर उन इलाकों पर है जहां खरीद-बिक्री ज्यादा है, ताकि राजस्व में बढ़ोतरी की जा सके।

नगर निगम के क्षेत्रों में इस बढ़ोतरी का सर्वाधिक प्रभाव पड़ने वाला है। बताया जा रहा है कि वार्डों की सड़कों की लिस्टिंग, सड़क चौड़ाई, लोकेशन, अवसंरचना की उपलब्धता और विकास स्तर के आधार पर दरें तय की जा रही हैं। पुनरीक्षण के बाद कई पुराने मौजों की संख्या भी बढ़ जाएगी, जिससे जमीन की कैटेगरीकरण और अधिक स्पष्ट हो सकेगा।

चार अहम मानकों पर नया एमवीआर तैयार किया गया है, जिनमें बाजार दर को आधार बनाकर नए सर्किल रेट का प्रस्ताव है तो ऐसे वार्ड जहाँ एमवीआर और मौजूदा बाजार दर में भारी अंतर, भूमि का वर्गीकरण 2017 के मानकों पर, औद्योगिक क्षेत्रों के लिए अलग श्रेणी बन रही

विभाग हर दिन  वार्ड के अनुसार रिपोर्ट तैयार कर भेज रहा है। सूत्र बताते हैं कि जनवरी या फरवरी तक इसे लागू कर दिया जाएगा। एक बार नया एमवीआर लागू होते ही जमीन की रजिस्ट्री न केवल महंगी होगी बल्कि निवेश, खरीद-बिक्री, बिल्डर प्रोजेक्ट और हाउसिंग मार्केट में भी काफी हलचल देखने को मिलेगी।

कुल मिलाकर, नया वर्ष बिहार के रियल एस्टेट सेक्टर के लिए कीमतों में उबाल और राजस्व में इज़ाफे का पैग़ाम लेकर आने वाला है।