Bihar Politics: बिहार चुनाव 2025 से पहले मांझी की नई राजनीतिक चाल, नीतीश के सामने रखी नई मांग!एनडीए की बढ़ा दी टेंशन

Bihar Politics: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष संतोष कुमार सुमन ने बिहार विधान परिषद में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए अलग से सीटें आरक्षित करने की मांग की है।

Jitan Ram Manjhi
आरक्षित सीटों की मांग - फोटो : social Media

Bihar Politics: हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के अध्यक्ष एवं बिहार सरकार में लघु जल संसाधन मंत्री संतोष कुमार सुमन ने विधान परिषद में अनुसूचित जाति (एससी) और अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित सीटों की मांग की है। यह मांग उन्होंने बाबा साहेब डॉ. भीमराव आंबेडकर की 134वीं जयंती के अवसर पर रखी। उनका तर्क है कि जैसे शिक्षक और स्नातक वर्ग के लिए सीटें आरक्षित हैं, वैसे ही एससी-एसटी समुदायों के लिए भी विशेष व्यवस्था होनी चाहिए।सुमन ने कहा कि जैसे विधान परिषद में शिक्षक और स्नातक वर्ग के लिए सीटें आरक्षित हैं, वैसे ही एससी-एसटी समुदायों के लिए भी आरक्षित सीटें होनी चाहिए। इन सीटों पर केवल उसी वर्ग के लोग वोट करें और उन्हीं में से प्रतिनिधि चुनकर आएं।

सुमन ने कहा कि यह प्रस्ताव बिहार सरकार और विधान परिषद के समक्ष औपचारिक रूप से रखा जाएगा, और यदि आवश्यक हुआ तो केंद्र सरकार से भी इस मुद्दे पर पहल करने का संकेत दिया गया है.

इस बीच, जीतन राम मांझी, जो कि संतोष कुमार सुमन के पिता और केंद्रीय मंत्री हैं, ने शिक्षा को अधिकारों की स्थिरता का मूल आधार बताया। उन्होंने कहा कि जब तक समाज में शिक्षा का स्तर नहीं बढ़ेगा, तब तक कोई अधिकार स्थायी नहीं होगा. मांझी ने यह भी कहा कि उनके समाज में लगभग 70 प्रतिशत लोग अशिक्षित हैं, इसलिए समान शिक्षा नीति लागू करने की आवश्यकता है.

यह सम्मेलन  सामाजिक न्याय, शिक्षा के अधिकार, और राजनीतिक प्रतिनिधित्व के मुद्दों पर गंभीर मंथन का अवसर भी बना।संतोष सुमन की मांग और मांझी का चिंतन, दोनों ही इस ओर संकेत करते हैं कि आंबेडकरवादी सोच को व्यवहारिक धरातल पर उतारना अब भी एक चुनौती है।


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