NEET Paper Leak Case: NEET पेपर लीक के आरोपी संजीव मुखिया को मिली जमानत, CBI ने नहीं दाखिल की चार्जशीट, जानिए पूरा मामला

NEET Paper Leak Case: NEET पेपर लीक के आरोपी संजीव मुखिया को जमानत मिल गई है। बताया जा रहा है कि 90 दिनों के बाद भी संजीव मुखिया के खिलाफ सीबाआई ने चार्जशीट दायर नहीं किया...

Sanjeev Mukhiya gets bail - फोटो : social media

NEET Paper Leak Case: राजधानी पटना से बड़ी खबर सामने आ रही है। जानकारी अनुसार नीट पेपर लीक के आरोपी संजीव मुखिया को जमानत मिल गई है। बताया जा रहा है कि CBI ने अब तक संजीव मुखिया के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नहीं किया था जिसके कारण उसे जमानत मिल गई। मालूम हो कि 1 मई से ही संजीव मुखिया जेल में बंद है लेकिन अब उसे जमानत मिल गई है। 

कोर्ट ने दी जमानत

बता दें कि, नीट-2024 प्रश्नपत्र लीक मामले में पटना सिविल कोर्ट स्थित CBI की विशेष अदालत ने मुख्य आरोपी संजीव मुखिया को जमानत दे दी है। न्यायाधीश सुनील कुमार सिंह की अदालत ने यह आदेश दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 167 के तहत दिया। जिसके तहत आरोपी को 90 दिनों से अधिक न्यायिक हिरासत में रखने के लिए आरोप पत्र दाखिल करना अनिवार्य होता है। संजीव मुखिया के वकील ने अदालत में दलील दी कि उनके मुवक्किल को 1 मई 2025 से न्यायिक हिरासत में रखा गया है, लेकिन CBI ने अब तक उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल नहीं किया है। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद अदालत ने जमानत का आदेश पारित किया।

अब तक 49 गिरफ्तार, 45 के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल

नीट-2024 की परीक्षा 5 मई को देशभर में आयोजित की गई थी। पटना में परीक्षा के दौरान गड़बड़ी का मामला सामने आने के बाद शास्त्रीनगर थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। यह मामला बाद में आर्थिक अपराध इकाई और फिर CBI को 23 जून 2024 को सौंपा गया। जिसने RC 224/2024 के तहत जांच शुरू की। अब तक इस मामले में 49 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है और CBI ने 45 के खिलाफ चार पूरक आरोप पत्रों सहित आरोप पत्र दाखिल कर चुकी है।

लंबे समय तक फरार था संजीव मुखिया

संजीव मुखिया बिहार में प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर लीक मामलों में कुख्यात नाम रहा है। वह लंबे समय तक फरार रहने के बाद मई 2025 में गिरफ्तार हुआ था और तब से न्यायिक हिरासत में था। CBI की विशेष अदालत संख्या दो ने 28 अप्रैल 2025 को पेशी वारंट जारी किया था, जिसके बाद उसे 1 मई से जेल भेजा गया।

सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता

जांच के दौरान इस मामले में सरकारी कर्मचारियों की संलिप्तता भी सामने आई। जिसके बाद भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धाराएं जोड़ी गईं। इससे केस को CBI की विशेष अदालत संख्या-2 में स्थानांतरित कर दिया गया। इस हाई-प्रोफाइल मामले में CBI की जांच अभी भी जारी है, और अन्य आरोपियों की भूमिका की भी पड़ताल की जा रही है। संजीव मुखिया की जमानत को लेकर अब जांच एजेंसी पर चार्जशीट दाखिल करने के लिए दबाव बढ़ गया है।