Bihar Politics - आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्टफोन के जरिए डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम, भाजपा ने किया स्वागत

Patna :- बिहार राज बाल श्रमिक आयोग के मा उपाध्यक्ष सह् भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा है कि बिहार सरकार द्वारा एक लाख से अधिक आंगनबाड़ी सेविकाओं को स्मार्टफोन खरीदने के लिए उनके बैंक खाते में सीधे 11,000 रुपए भेजे जाएंगे जो कि बिहार में एनडीए सरकार की दूरदर्शी नीति और अपने कर्तव्य के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

उन्होंने कहा कि इस योजना के लागू होने से बच्चों की तस्वीर, टीकाकरण और योजना रिपोर्टिंग जैसे कार्यों में सुधार होगा। यह पहल डिजिटल सशक्तिकरण की दिशा में एक बड़ा कदम है। 

स्कूलों के   लिए सराहनीय पहल

वहीं दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी एवं बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी जी ने शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सशक्त एवं प्रभावी बनाने की दिशा में एक सराहनीय पहल की है। सरकारी विद्यालयों में कार्यरत रसोइयों, रात्रि प्रहरियों तथा शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों के मानदेय में अब सम्मानजनक रूप से दोगुनी वृद्धि की है। रसोइयों को अब ₹1650 के स्थान पर ₹3300, रात्रि प्रहरियों को ₹5000 के स्थान पर ₹10000 और शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों को ₹8000 के स्थान पर ₹16000 प्रतिमाह मानदेय मिलेगा।

 इसके अतिरिक्त, वार्षिक वेतन वृद्धि को भी ₹200 से बढ़ाकर ₹400 किया है। उनका यह निर्णय इन कर्मियों की महत्त्वपूर्ण भूमिका और उनके मनोबल को ऊँचा करने के लिए लिया गया है। यह पहल बिहार की शिक्षा व्यवस्था में गुणवत्तापूर्ण सुधार की दिशा में एक ठोस कदम है।

अरविन्द ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में एनडीए सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के डिजिटल इंडिया अभियान को और बल देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी एवं उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी जी के नेतृत्व में बिहार सरकार ने महिला सशक्तिकरण की ओर एक महत्वपूर्ण पहल किया है। और अग्रणी एवं उन्नत बिहार बनाने की ओर कदम बढ़ाते हुए एक सार्थक और प्रगतिशील कदम बढ़ाया है।

 साथी ही सभी बच्चों के ख्याल रखने के लिए बिहार सरकार ने आंगनबाड़ी सेविकाओं को और सशक्त करने का काम इस निर्णय के माध्यम से किया है। यह फैसला बहुत ही सराहनीय और स्वागत योग्य कदम है। यह पहल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी एवं उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी जी के रचनात्मक नीति के तहत दूरदर्शिता को दर्शाता है। जिसके लिए बिहार की जनता की ओर से वे अभिनंदन के पात्र हैं।

उन्होंने कोर्ट के समक्ष तथ्यों को रखते हुए कहा था इससे आम लोगों का स्वास्थ्य और जीवन पर खतरा उत्पन्न हो रहा है।उन्होंने कोर्ट से अनुरोध किया था कि  कमिटी कॉउन्सिल की क्रियाकलापों की जांच करें,क्योंकि ये गलत तरीके से जाली डिग्री देती है।