सीएम नीतीश के सबसे कद्दावर नेता विजय चौधरी ने बनाया जीत का रिकॉर्ड, जदयू नेता चंद्रभूषण राय ने दी बधाई

Vijay Chaudhary/JDU leader Chandrabhushan Rai - फोटो : news4nation

Bihar Election  2025 : बिहार विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सबसे करीबी नेताओं में एक विजय कुमार चौधरी ने ऐतिहासिक सफलता हासिल की है. उन्होंने के बार फिर से सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की है. समस्तीपुर की इस सीट से वे पिछले दो दशक से मजबूत जुड़ाव बनाए हुए हैं. नीतीश कैबिनेट के सबसे प्रमुख मंत्री के रूप में उनकी पहचान है. साथ ही विधानसभा चुनाव में भी विजय चौधरी ने शानदार सफलता हासिल कर अपनी दमदार मौजूदगी साबित की. 


विजय चौधरी की जीत पर जेडीयू के वरिष्ठ नेता चंद्रभूषण राय ने उनसे मुलाकात कर बधाई दी. उन्होंने कहा कि विजय चौधरी को सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र की जनता का भरपूर समर्थन मिला है. वे यहां से निर्वाचित होकर बिहार सरकार में अहम भूमिका निभाते रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मार्गदर्शन में विजय चौधरी ने बिहार को विकास के पथ पर आगे ले जाने में विभिन्न विभागों का मंत्रालय संभालते हुए महत्ती भूमिका निभाई है. 


उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के सुशासन का ही असर है कि बिहार में विधानसभा चुनाव में NDA की प्रचंड जीत हुई है. नीतीश कुमार के काम पर बिहार के मतदाताओं ने अपना भरोसा जताया है. इसका सबसे बड़ा सबूत बिहार में एनडीए की बड़ी जीत और विपक्ष का सूपड़ा साफ हो जाना है. वहीं नीतीश कुमार के साथ जिन नेताओं ने अहर्निश सेवा देते हुए बिहार को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है, नीतीश के सपनों का बिहार बनाने के लिए हमेशा प्रयासरत रहते हैं उसमें विजय चौधरी सबसे प्रमुख हैं. 


दरअसल, बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना पूरी होने के बाद सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र से एनडीए प्रत्याशी विजय कुमार चौधरी ने देर रात समस्तीपुर कॉलेज पहुंचकर जीत का प्रमाण पत्र प्राप्त किया. इस दौरान बड़ी संख्या में मौजूद उनके समर्थकों ने विजय चौधरी की जीत में जोरदार नारेबाजी की. उन्हें फूल मालाओं से लादकर जीत का जश्न मनाया है. जेडीयू के वरिष्ठ नेता चंद्रभूषण राय ने भी विजय चौधरी को अपनी शुभकामनाएं दी. 


विजय कुमार चौधरी का राजनीतिक सफर 1982 में उनके पिता जगदीश चौधरी के निधन के बाद शुरू हुआ, जब उन्होंने बैंक पीओ की नौकरी छोड़ दलसिंहसराय उपचुनाव में कदम रखा. वे 1982, 1985 और 1990 के विधानसभा चुनावों में लगातार विजयी रहे. हालांकि, 1995 में उनकी जीत का सिलसिला टूटा और 2000 व 2005 के चुनावों में उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा. 2010 में वे सरायरंजन सीट पर वापसी करते हुए राजद प्रत्याशी रामाश्रय सहनी को हराकर फिर से विधानसभा पहुंचे और तब से लगातार अपनी पकड़ मजबूत बनाए हुए हैं.