Bihar Crime - गरीबों के सपनों से ठगी, नन बैकिंग कंपनी ने ठग लिए करोड़ों रुपए, थाने पहुंचे पीड़ित
Patna - पटना में एक बड़े धोखाधड़ी गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। यहां लोक निधि कल्याण लिमिटेड नामक एक नन-बैंकिंग कंपनी ने दर्जनों लोगों को मोटी कमाई का लालच देकर उनसे 6 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की है। पीड़ितों ने इस मामले की शिकायत शास्त्री नगर थाने में दर्ज कराई है, जिसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
कैसे बिछाया गया ठगी का जाल?
मामला पटना के शास्त्री नगर थाना क्षेत्र के राजा बाजार का है, जहां यशोदा भवन में इस कंपनी का दफ्तर था। कंपनी के डायरेक्टर रवि किशोर और उनकी पत्नी श्यामा सिन्हा ने लोगों को आरबीआई (RBI) से रजिस्टर्ड होने का हवाला दिया। उन्होंने लोगों को एफडी (FD), आरडी (RD) और अन्य आकर्षक योजनाओं में पैसा लगाने के लिए लुभाया। शुरुआत में सब कुछ ठीक-ठाक चलता रहा, जिससे लोगों को उन पर भरोसा हो गया। इसके बाद उन्होंने अपने परिचितों और दोस्तों को भी इस स्कीम में पैसे लगाने के लिए प्रेरित किया, जिससे ठगी का यह जाल और भी बड़ा हो गया।
मास्टरमाइंड श्यामा सिन्हा, कई लोग शामिल
पीड़ितों ने बताया कि जब उनकी निवेश की अवधि पूरी हो गई, तो कंपनी ने उनके पैसे वापस करने से इनकार कर दिया। पिछले तीन सालों से उन्हें झूठा आश्वासन दिया जा रहा है। पीड़ितों के अनुसार, इस पूरे फर्जीवाड़े की मास्टरमाइंड श्यामा सिन्हा हैं। कंपनी में कुल सात डायरेक्टर थे, जिनमें आरएन सिंह, बीएन प्रसाद, रवि किशोर, श्यामा सिन्हा, चंद्र देव शर्मा, दीपक कुमार और अजय कुमार सिंह शामिल हैं। रवि किशोर की कोरोना काल में मौत के बाद, श्यामा सिन्हा ने ही इस कंपनी को संभाला।
बिहार के कई जिलों में फैला नेटवर्क
बताया जा रहा है कि इस फर्जी कंपनी के बिहार के कई जिलों में ब्रांच हैं और इसमें हजारों लोगों ने अपनी गाढ़ी कमाई लगाई है। ठगी का यह मामला करोड़ों रुपये का प्रतीत हो रहा है। जब पीड़ितों ने श्यामा सिन्हा से अपने पैसे वापस मांगने की कोशिश की, तो उन्हें कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला, जिसके बाद उन्हें ठगी का एहसास हुआ। सभी पीड़ितों ने मिलकर शास्त्री नगर थाने में लिखित शिकायत दर्ज कराई है। पुलिस अब इस बड़े फर्जीवाड़े की जांच में जुट गई है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
पटना से अनिल की रिपोर्ट