Elevated Track For Bullet Train:बिहार में 350 Km/घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी हाई स्पीड बुलेट ट्रेन, 260 किमी में बनेगा एलिवेटेड ट्रैक, पटना के 58 गांवों के किसान होंगे मालामाल

Elevated Track For Bullet Train: बिहार में बुलेट ट्रेन चलाने के लिए 260 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड ट्रैक बनने जा रहा है जो न केवल यात्रा को सरल बनाएगा वरन इससे क्षेत्रीय विकास भी होगा।

 Bullet Train
260 किमी में बनेगा एलिवेटेड ट्रैक- फोटो : social Media

Elevated Track For Bullet Train: बिहार में उच्च गति वाली बुलेट ट्रेन का संचालन होगा, जिसके लिए राज्य में 260 किलोमीटर लंबा ऊँचा ट्रैक स्थापित किया जाएगा। बिहार के पांच जिलों में पटना सहित लगभग 260 किमी लंबा एलिवेटेड ट्रैक कॉरिडोर बनाने के लिए अगस्त तक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार की जाएगी। नेशनल हाईस्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड द्वारा डीपीआर के लिए एजेंसी का चयन दो से तीन महीने के भीतर किया जाएगा।

बिहार में बुलेट ट्रेन चलाने के लिए 260 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड ट्रैक बनाया जाएगा। यह परियोजना वाराणसी-पटना-हावड़ा हाई स्पीड रेल कॉरिडोर का हिस्सा है, जिसकी कुल लंबाई लगभग 799.293 किलोमीटर होगी। इस परियोजना के तहत, बिहार के विभिन्न जिलों में ट्रैक का निर्माण किया जाएगा, जिसमें पटना, बक्सर, आरा, जहानाबाद और गया शामिल हैं।

इस परियोजना को दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में वाराणसी से पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन, आरा, बक्सर, पटना और गया से हावड़ा तक एलिवेटेड ट्रैक का निर्माण होगा। दूसरे चरण में दिल्ली से वाराणसी तक ट्रैक का निर्माण किया जाएगा। पटना जिले में 60.9 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड ट्रैक बनेगा, जिसके लिए 135.06 हेक्टेयर जमीन की आवश्यकता होगी।

इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। पटना जिले में 58 गांवों की जमीन को चिन्हित किया गया है। ग्रामीण क्षेत्र के भू-मालिकों को सर्किल रेट से चार गुना और शहरी क्षेत्र के भू-मालिकों को दो गुना मुआवजा दिया जाएगा। इससे स्थानीय लोगों पर आर्थिक प्रभाव पड़ेगा और यात्रा की गति भी बढ़ेगी।

बुलेट ट्रेन की गति लगभग 350 किलोमीटर प्रति घंटे होगी, जिससे यात्रा समय काफी कम हो जाएगा। यह तकनीक जापानी मानकों पर आधारित होगी और इसमें आधुनिक सुविधाएँ जैसे स्वचालित दरवाजे, सीसीटीवी कैमरे और मोबाइल चार्जिंग सुविधाएं शामिल होंगी।

बिहार में बुलेट ट्रेन चलाने के लिए 260 किलोमीटर लंबा एलिवेटेड ट्रैक बनने जा रहा है जो न केवल यात्रा को सरल बनाएगा वरन इससे क्षेत्रीय विकास भी होगा।

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