दलालों के चंगुल में DTO ऑफिस, कोड है तब होगा टेस्ट ड्राइव, टेस्ट देने गए लोगों का गंभीर आरोप,बड़े साहेब यह तो शर्म की बात है...
patna dto news - पटना डीटीओ में ड्राइविंग टेस्ट सेंटर पूरी तरह से दलालों के चंगूल में है। यहां गेट पर ही दलालों द्वारा कोड दिया जाता है, कोड देखने के बाद ही टेस्ट लिया जाता है।

पटना के डीटीओ कार्यालय में दलालों का राज चलता है। जो पूरी तरह से एक कोड पर चलता है और विभाग के अधिकारी उस कोड के आधार पर ही लाइसेंस जारी करते हैं। अगर डॉक्यूमेंट पर कोड नहीं है तो लाइसेंस के लिए या अयोग्य ठहरा दिया जाएगा या आपको कई दिन तक दौड़ाया जाएगा।
दरअसल, पटना में नए बने ऑटोमेटिक ड्राइविंग टेस्ट सेंटर में लाइसेंस बनवाने को लेकर किस तरह का खेल चल रहा है। इसको लेकर लगातार शिकायतें सामने आ रही थी। एक दिन पहले सेंटर के इंचार्ज रितेश सिंह पर एक युवक ने मारपीट और मोबाइल तोड़ने के साथ पैसे मांगने का आरोप लगाया था। लेकिन अब लाइसेंस बनाने को लेकर यहां किस प्रकार का खेल चल रहा है और दलाल किस तरह से हावि हैं, इसको लेकर हैरान करनेवाली सच्चाई सामने आई है।
दलालों का बंटा हुआ है कोड
डीटीओ चाहे कितना भी कहे कि यहां लाइसेंस बनाने के लिए पारदर्शिता बरती जाती है। लेकिन यहां दलाल पूरी तरह से हावि है। हर दलाल के लिए एक खास कोड बना हुआ है। यह कोड नंबर से लेकर कोई नाम भी हो सकता है। लाइसेंस के लिए अप्लाई करनेवाले के आवेदन पर यह कोड लिख दिया जाता है। मतलब कि संबंधित व्यक्ति उस दलाल से जुड़ा है और सारी सेंटिंग वही कर रहा है। कोड देखते ही अधिकारी आसानी से लाइसेंस का टेस्ट पास कर देते हैं।
कोड नहीं तो लाइसेंस मिलना मुश्किल
अगर कोड नहीं है लाइसेंस मिलना मुश्किल है। ट्रेनिंग सेंटर में लाइसेंस के लिए टेस्ट देने आए राजकुमार नाम के व्यक्ति ने बताया कि वह जब पहुंचे तो गेट पर ही मुझसे पूछा गया कि किससे लाइसेंस बनवा रहे हैं, आपका कोड नहीं है। लाइसेंस के लिए 10 हजार रुपए लिए जाते हैं।
सेंटर इंचार्ज ने किया इनकार
वहीं दलालों के कोड सिस्टम को लेकर सेंटर प्रभारी रितेश सिंह ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां किसी से पूछ लीजिए कि उनसे किस तरह का व्यवहार किया गया है। क्या उनसे पैसे की डिमांड की गई है। यहां लाइसेंस बनाने के लिए किसी प्रकार की गड़बड़ी नहीं होती है।