patna highcourt - वायू और ध्वनि प्रदूषण को लेकर पटना हाईकोर्ट सख्त, सभी जिलों के डीएम-एसपी को दिया यह निर्देश

patna highcourt - बिहार में वायु और ध्वनि प्रदूषण को लेकर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाते हुए सभी जिलों के डीएम, एसपी को इससे जुड़े कानूनों को सख्ती से पालन कराने का निर्देश दिया है।

प्रदूषण पर हाईकोर्ट सख्त- फोटो : NEWS4NATION

Patna - पटना हाई कोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण को लेकर एक महत्वपूर्ण निर्देश राज्य के सभी जिलों के जिलाधिकारियों सहित एसएसपी और एसपी को दिया है। कोर्ट ने राज्य के उन्हे अपने जिलों को वायु एंव ध्वनि प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से जारी दिशा निर्देश को  कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित करने का आदेश दिया है।

कोर्ट ने सभी पुलिस स्टेशनों को दिशा निर्देश पर उठाए गए कदमों के बारे में पूरा रिपोर्ट बोर्ड को भेजना सुनिश्चित करेंगे। यही नहीं, उनके अधिकार क्षेत्र में निर्धारित डेसिबल स्तर पर डीजे बजाना सुनिश्चित करें।जो निर्धारित डेसिबल से ज्यादा पर डीजे बजाते हैं उनपर कानून के तहत भारी जुर्माना लगाये।

सभी जिलों के डीएम,एसएसपी और एसपी यह भी सुनिश्चित करें कि अस्पताल,कॉलेज और स्कूल 'नो हॉर्न जोन' बनाया जाएं। सार्वजनिक संबोधन प्रणाली,नगर निगम के वाहनों के माध्यम से नियमित सूचना प्रसारित करें कि लोग वायु एंव ध्वनि प्रदूषण के महत्व को समझे। कोर्ट ने जिला के सभी वरीय अधिकारियों को दिशा निर्देश का पालन करने के बारे में विस्तृत रिपोर्ट प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को देने का निर्देश दिया है।

न्यायमूर्ति राजीव रॉय ने इस मामलें पर सुनवाई की।गौरतलब है कि बोर्ड ने पत्र संख्या 300 और 301 जारी कर जिला के वरीय अधिकारियों को दिशा निर्देश दिया है। 

कोर्ट ने राज्य के सभी डीएम,एसएसपी व एसपी को बोर्ड के दिशा निर्देश के आलोक में पत्र जारी करने का आदेश दिया है। वे सभी पुलिस स्टेशनों से उठाए गए कदमों के बारे में रिपोर्ट लेंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि उनके अधिकार क्षेत्र के तहत कार्यरत डीजे केवल निर्धारित डेसिबल स्तर पर ही चलते रहें।

कोर्ट ने पटना के जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से अनुरोध किया है कि वे इस मामले की जाँच करें और सुनिश्चित करें कि बोर्ड की ओर से जारी दिशा निर्देश को गंभीरता से ले। कोर्ट ने कहा कि उन्हें यह समझना होगा कि ध्वनि व वायु प्रदूषण राजधानी के नागरिकों, विशेषकर वृद्धों, शिशुओं और गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य पर भारी असर डालता है।

पथ निर्माण विभाग को भी लगी फटकार

बोर्ड ने राज्य को वायु व ध्वनि प्रदूषण मुक्त बनाने में अपनी वास्तविकता दिखाने के लिए पथ निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता को भी दिशा निर्देश भेजा है।कोर्ट ने कहा कि जमीनी हकीकत काफी अलग है और पत्र केवल फाइलों में धूल फांकती हैं।  

मुरादपुर को बताया सबसे प्रदूषित

पटना शहर के मुरादपुर,शहर के केंद्र में गांधी मैदान और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान स्थित है, पटना विश्वविद्यालय, पीएमसीएच, पटना सिविल कोर्ट के साथ-साथ प्रसिद्ध पटना मार्केट/अशोक मार्केट भी है। मुरादपुर को दुनिया के सबसे गंदे और सबसे अधिक ध्वनि व प्रदूषण वाले स्थानों की श्रेणी में रखा जा सकता है। 

कोर्ट ने ध्वनि एंव वायु प्रदूषण को लेकर राज्य के लोगों को रेडियो, टेलीविजन, समाचार पत्रों, पर्चों के माध्यम से जागरूक करने की बात कही। उनसे अनुरोध किया  कि वे अस्पतालों, स्कूलों और कॉलेजों आदि के आसपास हॉर्न का उपयोग न करें।कोर्ट ने कहा कि सड़क एंव फुटपाथ पर कचड़ा नहीं फेंके। अधिकारी नियमित रूप से चल रहे निर्माण स्थल का निरीक्षण करते रहें। कोर्ट ने माना कि राजधानी शहर अभी भी ध्वनि व वायु प्रदूषण से भरा है।

कोर्ट ने कहा कि कोर्ट के आदेशों व निर्देशों के साथ-साथ बोर्ड की ओर से जारी परामर्शों को भी गंभीरता से नहीं लिया गया है।और डीजे वाले जिला प्रशासन एंव पटना पुलिस के नाक के नीचे अपना काम कर रहे हैं। यह कम से कम आपराधिक है।   कोर्ट ने कहा कि अब सबसे पहले, एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन पर तैनात लोगों को तुरंत नोटिस दिया जाना चाहिए ,क्योंकि यह सुनिश्चित करना उनका कर्तव्य हैं कि एयरपोर्ट क्षेत्र ऐसी घटनाओं से मुक्त रहे।