Patna Metro: पटना मेट्रो का बहुत जल्द खत्म होगा इंतजार, चढ़ाया गया पहला गर्डर, जानिए कहाँ से चलेगी पहली ट्रेन

Patna Metro: बिहारवासियों लंबे समय से पटना मेट्रो को इंतजार कर रहे हैं। जल्द ही इंतजार खत्म होने वाला है। जीरो माइल से न्यू आईएसबीटी तक पहली स्टील गर्डर की सफल स्थापना कर दी गई है। बता दें कि 15 अगस्त से मेट्रो दौड़ेगी।

पटना मेट्रो - फोटो : social media

Patna Metro:  पटना मेट्रो परियोजना के तहत प्राथमिक कॉरिडोर के जीरो माइल स्टेशन से न्यू पाटलिपुत्र बस टर्मिनल (आईएसबीटी) तक मेट्रो लाइन को जोड़ने की दिशा में एक अहम प्रगति हुई है। शुक्रवार को इस मार्ग पर पहला स्टील गर्डर सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया गया। निर्माण एजेंसियों के अनुसार, दूसरा गर्डर अगले सप्ताह तक लगाया जाएगा।

पहली स्टील गर्डर की सफल स्थापना

जानकारी के अनुसार, एनएच-30 पर स्थित इस रूट में दो प्रमुख स्टील गर्डर लगाए जाने हैं। एक 38 मीटर और दूसरा 45 मीटर लंबा। शुक्रवार को 38 मीटर लंबा गर्डर एनएच-30 के ऊपर रखा गया। इसके बाद एनएच-30 के बगल में 45 मीटर लंबा दूसरा गर्डर स्थापित किया जाएगा। जिससे जीरो माइल से न्यू आईएसबीटी तक मेट्रो लाइन का संपर्क मार्ग पूर्ण हो जाएगा। परियोजना अधिकारियों का कहना है कि इस खंड का कार्य इसी महीने के अंत तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है और इसके लिए काम तेज़ी से किया जा रहा है।

चार स्टेशनों पर रुकेगी मेट्रो

प्राथमिक कॉरिडोर में कुल पांच एलिवेटेड मेट्रो स्टेशन मलाही पकड़ी, खेमनीचक, भूतनाथ, जीरो माइल और न्यू आईएसबीटी बनाए गए हैं । हालांकि, मेट्रो के शुरुआती चरण में खेमनीचक को छोड़कर शेष चार स्टेशनों पर ही मेट्रो रुकेगी। इन स्टेशनों पर स्वचालित किराया संग्रह प्रणाली, प्लेटफॉर्म स्क्रीन डोर और आधुनिक गेट सिस्टम की स्थापना की जा रही है। इसके साथ ही प्री-फैब्रिकेटेड स्टेशन स्ट्रक्चर का कार्य भी अंतिम चरण में है।

एनएच-30 पर भारी ट्रैफिक बना चुनौती

निर्माण एजेंसियों के लिए सबसे कठिन कार्य जीरो माइल से आईएसबीटी को जोड़ना रहा, क्योंकि एनएच-30 पर वाहनों का अत्यधिक दबाव बना हुआ है। भारी ट्रैफिक के बीच सड़क पर लंबे स्टील गर्डर स्थापित करना एक बड़ी चुनौती साबित हुआ। गुरुवार रात को की गई योजना के तहत पहला गर्डर सफल पूर्वक रखा गया। गौरतलब है कि 6.1 07 किलोमीटर लंबे इस प्राथमिक कॉरिडोर पर मेट्रो परिचालन 15 अगस्त से शुरू होने की उम्मीद है। खेमनीचक क्षेत्र में कुछ गर्डरों की स्थापना अभी शेष है। वहां भी जैसे ही काम पूरा होगा, पूरा प्राथमिक कॉरिडोर मेट्रो संचालन के लिए तैयार हो जाएगा।