Bihar Voter List Revision: वोटर लिस्ट रिवीजन पर लगेगी रोक ! सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई, 9 दलों ने दी चुनौती

Bihar Voter List Revision: बिहार में वोटर लिस्ट रिवीजन का कार्य तेजी से चल रहा है। वहीं इसे रोकने के लिए 9 राजनीतिक दलों ने चुनौती दी है। इस पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा।

सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट में आज होगी सुनवाई - फोटो : social media

Bihar Voter List Revision: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर मचा सियासी घमासान अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। निर्वाचन आयोग द्वारा राज्य में मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के फैसले को कुल नौ राजनीतिक दलों ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इन याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा। सुप्रीम कोर्ट में दो सामाजिक कार्यकर्ताओं अरशद अजमल और रूपेश कुमार ने भी इस फैसले को चुनौती देते हुए याचिकाएं दाखिल की हैं। 

आज होगी सुनवाई 

अधिवक्ता वृंदा ग्रोवर ने बुधवार को अदालत को बताया कि इन याचिकाओं में निर्वाचन आयोग द्वारा 24 जून को लिए गए एसआईआर के फैसले को रद्द करने की मांग की गई है। कोर्ट ने इन याचिकाओं को पहले से लंबित अन्य मामलों के साथ जोड़ते हुए गुरुवार को सुनवाई पर सहमति जताई है।

बिहार में वोटरों ने दिखाया उत्साह

इधर, चुनाव आयोग ने बिहार में एसआईआर को लेकर विपक्षी दलों की आशंकाओं को दरकिनार करते हुए कहा कि राज्य में मतदाताओं ने इस प्रक्रिया में उत्साहपूर्वक भाग लिया है। मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बुधवार को बताया कि बिहार में विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण के तहत अब तक 57 प्रतिशत से अधिक गणना फॉर्म जमा हो चुके हैं। दिल्ली में बीएलओ के साथ समीक्षा बैठक में कुमार ने कहा कि इस प्रक्रिया के अभी 16 दिन शेष हैं। उन्होंने इसे लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए बेहद जरूरी कदम बताया।

अपात्र और डुप्लिकेट वोटर हटेंगे

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि 22 साल बाद हो रहे इस पुनरीक्षण का मकसद मतदाता सूची को शुद्ध करना है। इसमें अपात्र और डुप्लिकेट प्रविष्टियों को हटाया जाएगा, जबकि सभी पात्र मतदाताओं के नाम सुनिश्चित रूप से जोड़े जाएंगे। कुमार ने कहा कि, चुनाव आयोग मतदाताओं के साथ था, है और रहेगा।

विपक्ष ने उठाए मंशा पर सवाल

इसी बीच, विभिन्न विपक्षी दलों ने बिहार में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले इस विशेष पुनरीक्षण की मंशा पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि यह प्रक्रिया निष्पक्ष चुनाव में बाधा डाल सकती है। इसी वजह से उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। अब नजर सुप्रीम कोर्ट पर है जो आज इन याचिकाओं पर सुनवाई करेगा और तय करेगा कि बिहार में जारी मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्यक्रम को लेकर आगे क्या रुख अपनाया जाएगा।