Patna High Court News: बिहार के 126 अधिकारियों के स्थानांतरण पर लटकी तलवार, पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर, इस दिन होगी सुनवाई

Patna High Court News: पटना हाईकोर्ट में बिहार म्युनिसिपल सेवा के 126 अधिकारियों का स्थानांतरण को लेकर याचिका दायर किया गया है। याचिका में आरोप लगाया गया है कि मनमाने ढंग से अधिकारियों का ट्रांसफर किया गया है...

 Patna High Court
Patna High Court petition filed - फोटो : social media

Patna High Court News: बिहार म्युनिसिपल सेवा के 126 अधिकारियों का स्थानांतरण नियमों का बिहार सरकार द्वारा किये जाने के विरुद्ध पटना हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गयी है। ये याचिका बिहार लोकल बॉडीज एम्प्लॉय फेडरेशन के मंत्री मोहम्मद असजद आलम उर्फ अप्पू द्वारा की गयी है। याचिका में ये कहा गया है कि नियमों का उल्लंघन कर बिहार प्रशासनिक सेवा और म्युनिसिपल सेवा के 126 अधिकारियों का एक से दूसरे जगह स्थानांतरण कर दिया गया।बिहार सरकार ने 30जून, 2025 को एक अधिसूचना जारी कर ये आदेश दिया।

पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर

याचिका में ये कहा गया कि भारतीय चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर बिहार सरकार ने ये स्थानांतरण किया है। याचिका में  ये कहा गया कि  2014 में  बिहार सरकार की ओर से एक सर्कुलर जारी किया गया था कि अधिकारियों का स्थानांतरण तीन वर्ष की अवधि पूरी होने की बाद की जाये। लेकिन पदस्थापन के तीन वर्ष या उसके पहले भी इनका मनमाने तरीके से स्थानांतरण कर दिया जाता है ।

मनमाने तरीके से हुआ स्थानांतरण 

नगर विकास विभाग व ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को मतदाता सूची के स्पेशल इंटेंसीव रिवीजन के कार्य के लिए चुना गया। इसके लिए चुनाव आयोग ने इन अधिकारियों को इलेक्टरल रजिस्ट्रेशन ऑफिसर व असिस्टेंट इलेक्टरल ऑफिसर के रूप में कार्य करने की जिम्मेदारी दी। इसका उद्देश्य है कि कोई भी वैध मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग से न छूटे, वहीं कोई भी फर्जी मतदाता अपने अधिकार का गलत उपयोग न कर पाये।

मामले में जल्द होगी सुनवाई

इन अधिकारियों के अलावा बीएलओ व अन्य अधिकारीगण चुनाव आयोग  के दिशानिर्देशों के अनुसार विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों में जा कर मतदाता सूची में  जांच का कार्य कर रहे है। इसी बीच राज्य सरकार ने इतने बड़े पैमाने पर अधिकारियों का स्थानांतरण कर दिया है, जबकि चुनाव आयोग के लिए कार्य संपन्न करते समय किसी भी अधिकारी व कर्मचारी स्थानांतरण किया जाना वैध नहीं है। इस मामलें की शीघ्र सुनवाई होने की संभावना है।