Patna highcourt - बिहार के सभी कोर्ट में कमजोर गवाहों के साक्ष्य को कलमबंद करने के लिए मिलेगा सुरक्षित और अनुकूल वातावरण - हाईकोर्ट
Patna highcourt - पटना हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बिहार के सभी कोर्ट में कमजोर गवाहों के साक्ष्य को कलमबंद करने के लिए मिलेगा सुरक्षित और अनुकूल वातावरण बनाने का निर्देश दिया है।

Patna - सुप्रीम कोर्ट के स्मृति तुकाराम बडाडे बनाम महाराष्ट्र राज्य एवं अन्य केस में जारी आदेश मद्देनज़र पटना हाईकोर्ट ने कमजोर गवाहों के साक्ष्य को कलमबंद करने के लिए एक सुरक्षित और अनुकूल वातावरण सुनिश्चित करने के उद्देश्य से कमजोर गवाहों के साक्ष्य दर्ज करने के लिए दिशानिर्देश तैयार किया है। इस दिशा निर्देश को हाईकोर्ट की ओर से अधिसूचित तिथि से पूरे बिहार के सभी न्यायालयो में और किशोर न्याय बोर्ड पर लागू होंगा।
सुप्रीम कोर्ट ने नए आपराधिक कानून भारतीय न्याय संहिता, 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 2023 के तहत दर्ज मुकदमों में ब्यान दर्ज करने के लिए देश के सभी हाईकोर्ट को दिशा निर्देश जारी करने का आदेश दिया था। इसी आदेश के आलोक में पटना हाईकोर्ट ने कमजोर गवाहों के साक्ष्य की रिकॉर्डिंग के लिए दिशानिर्देश, 2025 जारी किया है।
इससे कमजोर गवाहों के साक्ष्य रिकॉर्ड करने के लिए दिशा-निर्देश के नाम से जाना जायेगा। नये दिशा निर्देश के अनुसार यह दिशा निर्देश तब तक प्रभावी रहेगा, जब तक कि कोई अन्य प्रावधान न किया जाए।
यह दिशा-निर्देश कमजोर गवाहों की जांच को नियंत्रित करेंगे, जो किसी भी मामले में पीड़ित या गवाह हैं। कमजोर गवाहों का मतलब कोई भी बच्चा पीड़ित या गवाह जिसने 18 वर्ष की आयु पूरी नहीं की है,से है।
पॉस्को कानून के तहत अपराध का कोई भी पीड़ित भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 64(1), 64(2), 65(2), 66, 67, 68, 70, 71, 74, 75, 76, 77 और 78 के तहत अपराध का कोई भी पीड़ित।दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम, 2016 की धारा 2(एस) के तहत परिभाषित कोई भी दिव्यांग व्यक्ति और संबंधित न्यायायलयो द्वारा कमजोर गवाह माना जाना।
भारतीय स्वास्थ्य अधिनियम, 2023 की धारा 124 के साथ पठित मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 की धारा 2(एस) के तहत परिभाषित मानसिक बीमारी से पीड़ित कोई भी गवाह।