Bihar News: बिहटा से मिथिला तक उड़ान भरेंगे विमान, छह छोटे एयरपोर्ट्स से खुलेगा बिहार का आसमानी दरवाज़ा

केंद्र सरकार की 'उड़ान योजना' के तहत राज्य के छह छोटे हवाई अड्डों को फिर से जीवन मिलने जा रहा है मधुबनी, सहरसा, बीरपुर (सुपौल), वाल्मिकीनगर, मुंगेर और मुजफ्फरपुर अब हवाई नक्शे पर नई उड़ान भरने को तैयार हैं।

बिहटा से मिथिला तक उड़ान भरेंगे विमान- फोटो : social Media

Bihar News: बिहार की धरती से अब केवल किसान की पुकार और मजदूर की चीत्कार नहीं, बल्कि आसमान छूने का सपना भी उठेगा। केंद्र सरकार की 'उड़ान योजना' के तहत राज्य के छह छोटे हवाई अड्डों को फिर से जीवन मिलने जा रहा है  मधुबनी, सहरसा, बीरपुर (सुपौल), वाल्मिकीनगर, मुंगेर और मुजफ्फरपुर अब हवाई नक्शे पर नई उड़ान भरने को तैयार हैं।

स्पिरिट एयर एलएलपी नामक एयरलाइन कंपनी को इन हवाई रूटों पर संचालन की अनुमति मिल चुकी है, और ये सभी हवाई अड्डे बिहटा एयरपोर्ट और वाराणसी से जुड़ेंगे  यानी अब सीमांचल की सुबह और तिरहुत की सांझ भी पंखों पर सवार होगी।

ये केवल उड़ानें नहीं हैं, बल्कि विकास के वो पंख हैं, जो सीमांचल, मिथिलांचल, तिरहुत और अंग प्रदेश की भावनाओं को देश के शेष हिस्सों से जोड़ देंगे। लंबे समय तक हवाई संपर्क से वंचित रहे इन क्षेत्रों में यह पहल सपनों की सीधी उड़ान का द्वार खोलेगी।

राज्य के मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा ने इसे "बिहार के लिए गर्व का क्षण" बताया  और क्यों न हो, जब एक साथ छह हवाई अड्डे पुनर्जीवित हों, तो यह केवल यात्रा की नहीं, सम्भावनाओं की पुनर्प्राप्ति होती है।

इन उड़ानों की शुरुआत के लिए एटीसी, टर्मिनल, और सुरक्षा ढांचे की ज़रूरत होगी, जिसमें राज्य सरकार पूर्ण सहयोग दे रही है। हवाई पट्टियों पर फिर से चहलकदमी होगी, और बिहार की ज़मीन से उठते छोटे विमानों में वो मुसाफिर होंगे जो कल तक बस अड्डों से आगे नहीं बढ़ सके थे।

यह पहल केवल भौगोलिक दूरी को पाटने की नहीं, बल्कि आर्थिक, सांस्कृतिक और प्रशासनिक समरसता की दिशा में एक उड़ती हुई शुरुआत है। अब मधुबनी की मिथिला पेंटिंग, सहरसा की सरसता, मुजफ्फरपुर की लीची, और वाल्मिकीनगर के जंगल — देश के हर कोने से जुड़ पाएंगे।अब बिहार के युवा सिर्फ दिल्ली की ट्रेन नहीं पकड़ेंगे  वो सीधा आसमान नापने को तैयार हैं।यह सपनों की उड़ान है, और उसका टेक-ऑफ अब तय है!