Bihar Traffic: बिहार में ऑटो-ई-रिक्शा वालों की मनमानी पर लगेगा ब्रेक, सड़कों पर अब रहेगा क्यूआर को़ड का पहरा, स्कैन करते ही मिलेगी सबकुछ की जानकारी

Bihar Traffic:बिहार की लगातार बिगड़ती यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जिला प्रशासन ने बड़ा और तकनीकी कदम उठाया है।

बिहार में ऑटो-ई-रिक्शा वालों की मनमानी पर लगेगा ब्रेक- फोटो : social Media

Bihar Traffic:बिहार की लगातार बिगड़ती यातायात व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए जिला प्रशासन ने बड़ा और तकनीकी कदम उठाया है। अब मुजफ्फरपुर शहर  के चार जोन और 20 निर्धारित रूटों पर चलने वाले सभी ऑटो और ई-रिक्शा में क्यूआर कोड अनिवार्य रूप से लगाया जाएगा। इस क्यूआर कोड को स्कैन करते ही वाहन से जुड़ी पूरी जानकारी चालक का नाम, वाहन नंबर, ड्राइविंग लाइसेंस और निर्धारित रूट—तुरंत उपलब्ध हो जाएगी। प्रशासन का मानना है कि यह व्यवस्था शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को पटरी पर लाने में निर्णायक साबित होगी।

शहरी क्षेत्र में कुल 4800 ऑटो और ई-रिक्शा के परिचालन को मंजूरी दी गई है, जिनमें से 4200 ऑटो तय रूटों पर चलेंगे, जबकि 600 ऑटो रिजर्व या फ्री जोन के लिए निर्धारित किए गए हैं। अब तक यह पहचान करना मुश्किल था कि कौन-सा ऑटो किस रूट पर चल रहा है, लेकिन क्यूआर कोड लागू होने के बाद इस समस्या पर प्रभावी नियंत्रण संभव होगा। परिवहन विभाग ने क्यूआर कोड जेनरेट करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

डीटीओ कुमार सत्येंद्र यादव के अनुसार, सभी ऑटो और ई-रिक्शा पर जल्द ही क्यूआर कोड चस्पा किया जाएगा। इसके साथ ही शहर को चार जोन में बांटकर कलर कोडिंग व्यवस्था लागू की गई है—जोन-1 के लिए ऑरेंज, जोन-2 के लिए पर्पल, जोन-3 के लिए लाइट रेड और जोन-4 (फ्री/रिजर्व जोन) के लिए लाइट ब्राउन या व्हाइट रंग तय किया गया है। इससे आम लोगों और ट्रैफिक पुलिस दोनों को पहचान में आसानी होगी।

नई व्यवस्था के तहत ग्रामीण क्षेत्रों के ऑटो शहर में प्रवेश नहीं कर सकेंगे। बैरिया, जीरोमाइल, मिठनपुरा, रामदयालु और भगवानपुर समेत कई स्थानों पर इंट्री प्वाइंट तय किए गए हैं। हालांकि, इमरजेंसी मरीज को ले जा रहे ऑटो को छूट दी जाएगी। जनवरी से नियमों का उल्लंघन करने वालों पर सख्त कार्रवाई होगी। साफ है कि प्रशासन अब सख्ती और तकनीक के सहारे मुजफ्फरपुर की यातायात व्यवस्था को सुधारने के मूड में है।

रिपोर्टर- मनी भूषण शर्मा