Bihar Politics: 1 नहीं अब बिहार में 12 रातें बिताएंगे राहुल गांधी, प्रशांत किशोर को कांग्रेस नेता का मुंह तोड़ जवाब, जानिए क्यों तेज है चर्चा

Bihar Politics: राहुल गांधी ने बिहार में तो एक रात भी नहीं गुजारी है...पीके को अपने इस बयान का जवाब शायद मिल गया है...राहुल गांधी बिहार में अब 1 रात नहीं बल्कि 12 रातें बिताएंगे...

राहुल गांधी का जवाब?- फोटो : social media

Bihar Politics:  बिहार विधानसभा चुनाव के मैदान में जनसुराज का उतरना सीएम नीतीश-तेजस्वी यादव के साथ साथ राहुल गांधी के लिए बड़ी टेंशन से कम नहीं है। प्रशांत किशोर नीतीश-राहुल-तेजस्वी पर आए दिन हमला करते रहते हैं। पीके ने बीते दिन ही राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा था कि, राहुल गांधी ने जीवन में एक भी रात बिहार में नहीं गुजारी है। वहीं अब राहुल गांधी वोट अधिकार यात्रा पर आ रहे हैं। जिसके तहत वो 16 दिन और 12 रात बिहार में बिताएंगे। पीके जहां एक रात की बात कर रहे थे वहीं अब राहुल 12 रात बिहार में गुजाएंगे। यही नहीं यह पहली बार होगा जब इतने लंबे समय के लिए राहुल बिहार में प्रवास करेंगे। राहुल के आगमन को लेकर सियासी हलचल तेज है। 

पीके को राहुल का जवाब 

बता दें कि, महागठबंधन की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ की शुरुआत आज सासाराम से होगा। इस यात्रा का नेतृत्व कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद नेता तेजस्वी यादव करेंगे। खास बात यह है कि राहुल गांधी इस दौरान 16 दिन और 12 रातें बिहार में गुजारेंगे। कुछ ही दिन पहले चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा था कि उन्होंने जीवन में बिहार में एक रात भी नहीं बिताई। अब राहुल गांधी की यह लंबी यात्रा राजनीतिक तौर पर पीके की चुनौती का सीधा जवाब मानी जा रही है।

यात्रा का शेड्यूल

यह यात्रा 17 अगस्त को सासाराम से शुरू होकर 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में समाप्त होगी। इस दौरान राहुल-तेजस्वी गया, मुंगेर, भागलपुर, कटिहार, पूर्णिया, मधुबनी, दरभंगा और पश्चिम चंपारण समेत 25 से 30 जिलों को कवर करेंगे। वे 1300 किलोमीटर का सफर तय करेंगे और कई जिलों में रात्रि विश्राम भी करेंगे। यात्रा के दौरान केवल दो दिन (20,25 और 31 अगस्त) ब्रेक रहेगा।

राजनीतिक गलियारों में गरमाई चर्चा 

राजनीतिक जानकारों का कहना है कि यह यात्रा केवल पीके की टिप्पणी का जवाब नहीं, बल्कि एनडीए पर दबाव बनाने की रणनीति भी है। कांग्रेस का दावा है कि बिहार की मतदाता सूची में गड़बड़ियां की गई हैं और यह यात्रा लोकतंत्र की रक्षा और जनता को जागरूक करने का संदेश देने के लिए है। विपक्ष का कहना है कि यह यात्रा बिहार के लोगों के वोट के अधिकार को बचाने के लिए है। वहीं दूसरी ओर बीजेपी और जेडीयू ने इसे सिर्फ दिखावा और नाटौंकी बताया है, जबकि कांग्रेस और राजद का मानना है कि इससे ग्रामीण वोटरों में महागठबंधन की पकड़ मजबूत होगी।

महागठबंधन को नई ऊर्जा देगी यात्रा?

कांग्रेस और राजद कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के स्वागत के लिए जिलों में बड़े स्तर पर तैयारी की है। दूसरी ओर, प्रशांत किशोर की नई पार्टी जन सुराज भी इस यात्रा पर पैनी नजर रखे हुए है। बिहार की सियासत में यह यात्रा हलचल जरूर पैदा कर रही है। अब सियासी सवाल यही है क्या राहुल गांधी इस अभियान से बिहार की जनता का भरोसा जीत पाएंगे और महागठबंधन को नई ऊर्जा दे पाएंगे?