पटना में बरसात ने रावण-वध पर डाला पर्दा, मुंगेर-बांका में गूंजा जय श्रीराम, आतिशबाज़ी, अरदास और उत्सव से रोशन हुई असत्य पर सत्य की फतह

Bihar Ravan Dahan: विजयादशमी के पावन अवसर पर पूरे बिहार में असत्य पर सत्य की जीत का पर्व धूमधाम से मनाया गया।...

आतिशबाज़ी, अरदास और उत्सव से रोशन हुई असत्य पर सत्य की फ़तह- फोटो : reporter

Bihar Ravan Dahan:  विजयादशमी के पावन अवसर पर पूरे बिहार में असत्य पर सत्य की जीत का पर्व धूमधाम से मनाया गया। हालांकि राजधानी पटना के गांधी मैदान में चल रही तैयारियों पर बारिश ने ऐसा कहर बरपाया कि रावण-वध का भव्य आयोजन अधूरा रह गया। आसमान में काले बादलों का जमघट और मूसलधार बारिश ने ऐसा मंजर बना दिया कि आतिशबाज़ी से लैस रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतले पानी में भीगकर गलने लगे। हालत यह हुई कि रावण का सिर आग पकड़ने से पहले ही ढह गया। श्रद्धालुओं और रामभक्तों के चेहरों पर निराशा झलकने लगी, मानो प्रकृति ने विजयादशमी के इस पावन पर्व की परीक्षा ले ली हो।

लेकिन जहां पटना की धरती पर मायूसी छा गई, वहीं मुंगेर के ऐतिहासिक पोलो मैदान में धार्मिक उल्लास और आस्था का रंग साफ़ झलक रहा था। हल्की बूंदाबांदी के बावजूद रामलीला मैदान ट्रस्ट द्वारा आयोजित रावण-वध शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मुंगेर आयुक्त अवनीश कुमार सिंह, जिलाधिकारी निखिल धनराज, पुलिस अधीक्षक सैयद इमरान मसूद और स्थानीय विधायक मौजूद रहे। बार-बार बारिश से धराशायी होती विशाल प्रतिमा को बार-बार खड़ा किया गया, और अंततः जब आसमान साफ़ हुआ तो असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक रावण-वध पूरा कराया गया। आतिशबाज़ी से जब आकाश जगमगा उठा तो पूरा मैदान "जय श्रीराम" के नारों से गूंज उठा।

इसी तरह बांका जिले के अमरपुर नगर स्थित सार्वजनिक पुस्तकालय प्रांगण में भी रावण दहन का आयोजन भव्य तरीके से हुआ। करीब 40 फीट ऊँची रावण की प्रतिमा जब आग की लपटों में घिरी, तो मानो पूरा वातावरण भक्तिरस से सराबोर हो गया। बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री सह स्थानीय विधायक जयंत राज कुशवाहा ने जैसे ही अग्नि प्रज्वलित की, विशाल पुतला धू-धू कर जल उठा और आकाश रंग-बिरंगी आतिशबाज़ी से रोशन हो गया। देर रात तक मेले जैसा माहौल रहा, जहाँ बच्चे, महिलाएँ और बुज़ुर्ग सब एक साथ उल्लास में डूबे रहे।

उधर, मुंगेरवासियों के लिए एक और खबर यह रही कि लगातार दो दिनों की बारिश के कारण बड़ी दुर्गा विसर्जन शोभायात्रा को स्थगित कर दिया गया है। मंदिर प्रशासन ने घोषणा की कि अब 3 अक्टूबर दोपहर 2 बजे 32 कहारों के कंधों पर बड़ी दुर्गा महारानी की प्रतिमा का भव्य विसर्जन होगा। इससे भक्तों में हर्ष की लहर दौड़ गई, क्योंकि उन्हें एक दिन और दुर्गा पूजा के मेले का आनंद लेने का अवसर मिल गया।

मुंगेर से मो. इम्तियाज, बांका से चंद्रशेखर भगत की रिपोर्ट