बलात्कार दोष से मुक्त हुए राज्बल्लभ यादव की होगी जदयू में एंट्री ! नवादा में नीतीश का तीर निशाने पर लगाने का जानिए मास्टर प्लान

राजबल्लभ यादव के भतीजे अशोक यादव ने अप्रैल 2022 में एमएलसी चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की. वे नीतीश के नजदीकी हो गए. अब उनकी तरह ही राजबल्लभ को जदयू में जगह मिलेगी या नहीं जानिए ...

Rajballabh Yadav- फोटो : news4nation

Rajballabh Yadav : बिहार की राजनीति में नवादा विधानसभा क्षेत्र में एक बार फिर चुनावी तापमान बढ़ने लगा है। इस बार का विधानसभा चुनाव नवादा के लिए खास है, क्योंकि वर्षों से चल रही यादव परिवारों की सियासी जंग में एक नया मोड़ आ गया है। राजबल्लभ यादव, जिन पर 2016 में बलात्कार का गंभीर आरोप लगा था और जिन्हें उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई थी, अब पटना हाईकोर्ट द्वारा बरी कर दिए गए हैं। इस फैसले ने सिर्फ़ उनकी सियासी पुनर्बहाली की राह खोली है, बल्कि नवादा की राजनीति को भी नई दिशा दे दी है।


राजबल्लभ यादव का राजनीतिक सफर काफी रोचक और उतार-चढ़ाव भरा रहा है। राजनीति में उनके प्रवेश की कहानी 1990 में उनके भाई कृष्णा यादव से जुड़ी है, जो बीजेपी से नवादा विधायक चुने गए थे। लेकिन 1992 में लालू सरकार पर संकट के समय कृष्णा यादव बीजेपी छोड़ सत्ता पक्ष के साथ हो लिए। 1994 में उनके आकस्मिक निधन के बाद 1995 में राजबल्लभ ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीतकर लालू यादव के करीबी बन गए। यही उनकी पहली बगावत थी — पार्टी टिकट न मिलने के बावजूद मैदान में उतरना।


इसके बाद वे 2000 में राजद से फिर से विधायक बने। हालांकि 2005 और 2010 के चुनावों में उन्हें कौशल यादव की पत्नी पूर्णिमा यादव से शिकस्त झेलनी पड़ी। 2015 में जब यह सीट महागठबंधन के खाते में गई और पूर्णिमा यादव गोबिंदपुर से चुनाव लड़ीं, तो नवादा में राजबल्लभ की वापसी हुई और उन्होंने फिर जीत दर्ज की।  2020 में हुए विधानसभा चुनाव में राजबल्लभ प्रसाद की पत्नी राजद से उम्मीदवार बनी और विजयी हुई. दूसरी ओर, कौशल यादव और उनका परिवार नवादा की राजनीति में दशकों से सक्रिय है। उनकी मां गायत्री देवी छह बार विधायक रहीं, पत्नी पूर्णिमा यादव नवादा और गोबिंदपुर से चार बार विधायक चुनी गईं, और खुद कौशल यादव भी दोनों क्षेत्रों से विधायक रह चुके हैं। यह पूरा परिवार एक लंबे समय से यादव वर्चस्व को कायम रखे हुए है।

तेजस्वी के करीब हुए कौशल यादव 

बदले सियासी समीकरण में अब कौशल यादव ने तेजस्वी यादव का लालटेन थाम लिया है. जुलाई 2025 में तेजस्वी की मौजूदगी में नवादा के पूर्व विधायक कौशल यादव, गोविंदपुर की पूर्व विधायक पूर्णिमा यादव, नवादा के पूर्व एमएलसी सलमान रागिव ने राजद की सदस्यता ली.

भतीजे की तरह जदयू में जाएंगे राजबल्लभ !

राजबल्लभ यादव के भतीजे अशोक यादव ने अप्रैल 2022 में एमएलसी चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल की. हालांकि बाद में वे नीतीश कुमार के साथ मिलने गए. अब  राजबल्लभ यादव के जेल से बाहर आने के बाद उनके सियासी भविष्य को लेकर भी अटकलें लगने लगी हैं. माना जा रहा है कि कौशल यादव के तेजस्वी यादव के साथ जाने के बाद राजबल्लभ यादव को जदयू में एंट्री मिल सकती है. खासकर नवादा में उनके सियासी दबदबे का बड़ा फायदा लेने के लिए नीतीश कुमार की पार्टी में राजबल्लभ यादव को जगह मिल सकती है. हालांकि सियासी जानकारों का कहना है कि विधानसभा चुनाव में टिकट जदयू से राजबल्लभ यादव की पत्नी को मिल सकता है.