Ritlal Yadav Surrender: बेऊर जेल में रहेंगे राजद विधायक रीतलाल यादव, वकील ने आत्मसमर्पण को लेकर किया बड़ा खुलासा

Ritlal Yadav Surrender: राजद विधायक ने दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया है। आत्मसमर्पण के बाद रीतलाल यादव को बेऊर जेल भेजा जा रहा है। राजद विधायक पर 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी देने का आरोप लगा है...

Ritlal Yadav Surrender
Ritlal Yadav Surrender- फोटो : social media

Ritlal Yadav Surrender: राजद विधायक रीतलाल यादव ने अपने भाई के साथ दानापुर कोर्ट में सरेंडर कर दिया है। राजद विधायक के साथ चीकू यादव, पिंकू यादव, श्रवण यादव के स्टैब एवं अन्य सहयोगी ने भी दानापुर न्यायालय में किया आत्म समर्पण किया है। बता दें कि, 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी देने के मामले में नामजद आरोपी राजद विधायक रीतलाल यादव ने गुरुवार को दानापुर कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। उनके साथ उनके समर्थक चीकू यादव, पिंकू यादव और श्रवण यादव ने भी कोर्ट में सरेंडर किया। कुल चार लोगों ने न्यायालय में आत्मसमर्पण किया है।

पुलिस तलाशी के बीच कोर्ट परिसर में सरेंडर

दानापुर कोर्ट परिसर में भारी गहमागहमी के बीच रीतलाल यादव ने अपने भाई के साथ आत्मसमर्पण किया। जानकारी के अनुसार पटना पुलिस काफी समय से रीतलाल यादव और उनके सहयोगियों की तलाश में थी। बुधवार को बीजेपी ने सोशल मीडिया पर उन्हें फरार विधायक घोषित करते हुए कार्रवाई की मांग की थी।

वकील बोले– लगाए गए आरोप झूठे

विधायक रीतलाल यादव के वकील ने बताया कि उनके मुवक्किल ने कानून का सम्मान करते हुए कोर्ट में आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने कहा, “एफआईआर में नामजद सभी चारों लोगों पर गलत आरोप लगाए गए हैं, यह राजनीतिक साजिश है।” उन्होंने बताया कि रीतलाल यादव को  बेऊर जेल में रखा जाएगा। बता दें कि बेऊर जेल में मोकामा के बाहुबली अंनत सिंह भी मौजूद हैं। मोकामा गोलीकांड में अनंत सिंह बेऊर जेल में बंद है।

क्या है मामला?

दानापुर के एक बिल्डर से 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगने और जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज किया गया था। जिसमें रीतलाल यादव समेत उनके तीन समर्थकों को आरोपी बनाया गया था। पटना पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने रीतलाल यादव के 11 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें लगभग 10.5 लाख रुपये नकद, 77 लाख रुपये के ब्लैंक चेक, जमीन के दस्तावेज और अन्य सामग्री बरामद हुई। इस कार्रवाई का नेतृत्व दानापुर एएसपी भानु प्रताप सिंह ने किया था। पुलिस को जानकारी मिली थी कि विधायक और उनके सहयोगी फरार हैं, लेकिन छापेमारी के दौरान वे अपने ठिकानों से भाग निकले थे। बिल्डर कुमार गौरव ने शिकायत दर्ज कराई थी कि रीतलाल यादव ने उनसे रंगदारी मांगी थी। उन्होंने बताया कि विधायक ने उन्हें फोन करके 50 लाख रुपये की रंगदारी मांगी और न देने पर गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी। 

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