Rohini Acharya Controversy: रोहिणी आचार्य का अकाउंट 8 घंटे तक रहा लॉक, अनलॉक के बाद पोस्ट हो गया गायब

रोहिणी ने शनिवार को अकाउंट लॉक कर दिया. शाम होते होते उन्होंने अपना अकाउंट अनलॉक कर दिया, जिसके बाद भी पोस्ट नहीं दिख रहा है।

रोहिणी आचार्य का अकाउंट 8 घंटे तक रहा लॉक, अनलॉक के बाद पोस्ट हो गया गायब - फोटो : social Media

Rohini Acharya Controversy:राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार में राजनीतिक और पारिवारिक मसलों का नया अध्याय सोशल मीडिया पर उभर आया है। तेजस्वी यादव के करीबी राज्यसभा सदस्य संजय यादव को लेकर उनकी बहन रोहिणी आचार्य ने  प्लेटफॉर्म X  पर दो पोस्ट साझा कर अपनी नाराजगी जाहिर की। शनिवार को उन्होंने अकाउंट लॉक कर दिया.  शाम होते होते  वह अपना अकाउंट अनलॉक कर दिया, जिसके बाद भी पोस्ट नहीं दिख रहा है।

पहले पोस्ट में रोहिणी ने प्रचार रथ के संदर्भ में संजय यादव को निशाने पर लिया और लिखा कि "फ्रंट सीट हमेशा शीर्ष नेता के लिए होती है"। इस पोस्ट में उन्होंने फेसबुक पर राजद समर्थक आलोक कुमार का पोस्ट भी साझा किया, जिसमें संजय यादव की तस्वीर के साथ यह लिखा था कि नेता की अनुपस्थिति में भी किसी को उस सीट पर नहीं बैठना चाहिए।

सोशल मीडिया पर ट्रोलिंग के बाद रोहिणी ने अपना अकाउंट प्राइवेट कर दिया, जिससे कोई भी उनके पोस्ट को नहीं देख पा रहा था और किसी को उन्हें टैग करना संभव नहीं था। शनिवार शाम उन्होंने अकाउंट अनलॉक किया, लेकिन पोस्ट अभी भी दिख नहीं रहे।

रोहिणी ने अपनी प्रतिक्रिया में स्पष्ट किया कि "मैंने एक बेटी और बहन के रूप में अपने कर्तव्य और धर्म को निभाया है। मेरी कोई पद की इच्छा नहीं है, न ही मेरे पास राजनीतिक महत्वाकांक्षा है। मेरे लिए मेरा आत्म-सम्मान सर्वोपरि है।" इससे पहले उन्होंने अपने पिता लालू प्रसाद यादव की तस्वीर साझा करते हुए लिखा था, "जो जान हथेली पर रखते हैं, बेखौफी-बेबाकी उनके लहू में बहती है।"

इस विवाद के बीच तेजप्रताप यादव ने बहन रोहिणी का समर्थन किया। उन्होंने कहा, "एक महिला होने के नाते उन्होंने जो सराहनीय काम किया है, शायद ही कोई बेटी या मां कर सकती है। हमारी बहनों का अपमान करने वालों पर न्याय होगा।"

राजद परिवार में यह घटनाक्रम न केवल पारिवारिक रिश्तों की जटिलता को उजागर करता है, बल्कि आगामी चुनावी रणनीतियों और अंदरूनी राजनीति पर भी सवाल खड़े करता है।