सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा को उप मुख्यमंत्री बनाना भाजपा के लिए जरूरी या मजबूरी, हैरान करने वाला समीकरण

भाजपा ने बड़ा फैसला लेते हुए सम्राट चौधरी को विधायक दल का नेता चुना है जबकि विजय कुमार सिन्हा उप नेता चुने गए हैं. भाजपा का यह निर्णय एक साथ कई समीकरणों को साधने वाला रहा है।

Samrat Choudhary and Vijay Sinha- फोटो : news4nation

Bihar News :  बिहार विधानसभा चुनाव में शानदार प्रदर्शन करने के बाद भाजपा ने बड़ा फैसला लेते हुए सम्राट चौधरी को विधायक दल का नेता चुना है जबकि विजय कुमार सिन्हा उप नेता चुने गए हैं. इसके साथ ही दोनों नेताओं के फिर से उप मुख्यमंत्री बनने पर मुहर लग गई. साथ ही भाजपा के कई अन्य नेताओं के नामों को लेकर जो कयासबाजियों का दौर था उस पर भी विराम लग गया कि डिप्टी सीएम के चेहरे नहीं बदलेंगे.


भाजपा का यह निर्णय एक साथ कई समीकरणों को साधने वाला रहा है। नीतीश कुमार के साथ ही न सिर्फ दोनों नेताओं ने बेहतर सामंजस्य स्थापित कर जनवरी 2024 से बिहार में सरकार चलाने में अहम भूमिका निभाई बल्कि इसका बड़ा फायदा चुनावों में दोनों नेताओं की जातियों क्रमशः कुशवाहा और भूमिहार से भाजपा को मिला। दोनों नेताओं की आक्रमक और समन्वय बिठाकर चलने का कौशल उन्हें भाजपा के अन्य नेताओं की तुलना में ज्यादा प्रभावी बनाता है।  वहीं पार्टी के भीतर गुटबाजी को बढ़ावा ना मिले इस दिशा में भी भाजपा शीर्ष नेतृत्व का यह निर्णय बेहद अहम माना जा रहा है।  


सम्राट को क्यों है खास 

सम्राट चौधरी बिहार में कुशवाहा जाति के प्रभावशाली नेता हैं, जिनका जनाधार पिछड़ी (OBC) समुदाय में मजबूत है। वे अपने पिता शकुनी चौधरी की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए मजबूत  नेता के रूप में सक्रिय हुए। उन्होंने 1999–2000 के आसपास पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा में प्रवेश किया। वहीं उनका भाजपा में शामिल होना 2017 में हुआ, और वे तेजी से पार्टी का आक्रामक चेहरा बनकर उभरे। 


भाजपा ने उन्हें 2023 में बिहार प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया, जिससे उनकी राजनीतिक पकड़ और मजबूती मिली। वहीं 28 जनवरी 2024 को चौधरी को उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाकर उनकी प्रतिष्ठा और बढ़ गई। उनकी कुशवाहा पृष्ठभूमि भाजपा के पिछड़े वर्गों में समर्थन को साधने में अहम भूमिका निभाती है, जिससे पार्टी को सामाजिक समीकरणों में लाभ होता है। साथ ही नीतीश कुमार के साथ उनके मंत्रिमंडल में बेहतर सामंजस्य बिठाकर चलने में भी वे सफल रहे। ऐसे में सम्राट की मजबूत और दमदार सियासी तथा जातीय पकड़ को देखते हुए पार्टी ने उन्हें फिर से उप मुख्यमंत्री बनाने का फैसला लिया है। 


पीएम मोदी के खास विजय सिन्हा कद्दावर नेता 

विजय कुमार सिन्हा बिहार भाजपा के उस दौर के नेताओं में रहे हैं जिन्होंने लालू-राबड़ी शासन के खिलाफ सड़कों पर संघर्ष किया और भाजपा को मजबूत किया। उन्होंने अपनी विधानसभा यात्रा की शुरुआत 2005 में लखीसराय क्षेत्र से विधायक बनकर की। वहीं 2010, 2015, 2020 के बाद 2025 में भी शानदार सफलता हासिल की। वे आरएसएस के छात्र-पक्ष ABVP में सक्रिय रहे और बाद में भाजपा में शामिल होकर संगठन में कदम रखा। 


उनकी कठोर और आक्रामक शैली तब सामने आई जब वे विधानसभा स्पीकर बने (2020-2022) और CM नीतिश कुमार समेत विपक्षी दलों के साथ कई बार टकराव किए। 28 जनवरी 2024 को उन्हें भाजपा विधायक दल का उप नेता चुना गया और वे उपमुख्यमंत्री बने। विजय सिन्हा भूमिहार जाति से हैं, जो बिहार में भाजपा का मजबूत वोटर वर्ग माना जाता है।   उनकी इस पृष्ठभूमि भाजपा को जातीय समीकरण में लाभ देती है और पार्टी के ऊपरी-कास्ट नेतृत्व को मजबूत करती है। इतना ही नहीं वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भरोसेमंद नेताओं में माने जाते हैं, पार्टी के रणनीतिक चेहरे के रूप में उनकी प्रतिष्ठा और बढ़ी है।