Bihar News : पटना में “महंगी बिजली और गरीब जनता” विषय पर विचार गोष्ठी का हुआ आयोजन, राजद नेता सुबोध मेहता बोले-बिहार में बिजली की दर सबसे अधिक और उपयोग कम
Bihar News : पटना में 'महँगी बिजली और गरीब जनता' विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें राजद नेता ने कहा की बिहार में बिजली दर सबसे अधिक और उपयोग सबसे कम है.....पढ़िए आगे
PATNA : राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रो. सुबोध कुमार मेहता की अध्यक्षता में “बिहार ऊर्जा नीति संवाद” के अंतर्गत “महंगी बिजली और गरीब जनता” विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन सुगीया संगम वाटिका, कांटी फैक्ट्री रोड, पटना में किया गया। कार्यक्रम के संयोजक प्रो. सुबोध मेहता ने मुख्य अतिथियों का अंगवस्त्र देकर स्वागत किया एवं विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार बिहार की लगभग 51.92% आबादी आज भी गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन कर रही है। इसके बावजूद बिहार में बिजली की दरें देश में सबसे अधिक हैं, जबकि उपयोग सबसे कम है।
उन्होंने यह भी कहा कि यह स्थिति विद्युत उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 एवं सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी के मानकों का उल्लंघन है। यदि उपभोक्ताओं को 24x7 बिजली आपूर्ति नहीं मिलती या लो वोल्टेज की समस्या रहती है, तो जितने समय बिजली आपूर्ति बाधित रहती है, उस अवधि का बिल माफ किया जाना चाहिए। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता एवं बक्सर के सांसद सुधाकर सिंह ने “एक राष्ट्र, एक बिजली दर” की आवश्यकता पर बल देते हुए राज्य सरकार पर निशाना साधा।
उन्होंने कहा कि किसानों को सस्ती दर पर 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराना राज्य सरकार की जिम्मेदारी है, लेकिन वर्तमान शासन में किसानों की उपेक्षा हो रही है। पूर्व मंत्री एवं वरिष्ठ राजद नेता आलोक मेहता ने बिहार सरकार की ऊर्जा नीति को कल्याणकारी राज्य की अवधारणा के खिलाफ बताया और कहा कि सरकार के पास आम जनता के हित में कोई ठोस ऊर्जा नीति नहीं है, जिससे लोगों को निरंतर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
कार्यक्रम को प्रो. अवनींद्र नाथ ठाकुर, ऊर्जा विशेषज्ञ अमरनाथ सिंह, राजद के प्रदेश महासचिव शाश्वत गौतम सहित कई वक्ताओं ने संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि घरेलू उपभोक्ताओं के साथ-साथ औद्योगिक उपभोक्ताओं को भी सस्ती बिजली मिलनी चाहिए। बिहार में औद्योगिक बिजली दरें पड़ोसी राज्यों की तुलना में अधिक होने के कारण खपत 18% से घटकर 12% हो गई है, जिससे उत्पादन और रोजगार दोनों प्रभावित हो रहे हैं। राजद के प्रदेश महासचिव एवं जन संघर्ष मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप मेहता ने मांग की कि इंडिया गठबंधन दल अपने चुनावी घोषणा पत्र में प्रीपेड स्मार्ट मीटर को लागू न करने का संकल्प ले। उन्होंने कहा कि यह मीटर उपभोक्ताओं के हित में नहीं है, रोजाना साइबर ठगी के मामले सामने आ रहे हैं और लगभग 20,000 मीटर रीडर बेरोजगार हो सकते हैं। इस मांग का मंच पर उपस्थित सभी प्रमुख वक्ताओं ने एक स्वर से समर्थन करते हुए आश्वस्त किया कि इंडिया गठबंधन प्रीपेड मीटर पर रोक लगाने का वादा अपने घोषणा पत्र में शामिल करेगा।