Real Property Owner: सिर्फ रजिस्ट्री से नहीं बन जाएंगे मालिक, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, जानिए असली प्रॉपर्टी मालिक कौन नहीं तो छीन जाएगी आपकी संपत्ति?

Real Property Owner: अगर आप चाहते हैं कि आपकी संपत्ति पर कोई कानूनी विवाद न हो और आप निश्चिंत रूप से खुद को उसका मालिक कह सकें, तो सिर्फ रजिस्ट्री से संतुष्ट न हों। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला आपका नींद उड़ा सकता है।

Supreme Court decision- फोटो : social media

Real Property Owner: अगर आप यह मानते हैं कि किसी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री आपके नाम पर हो जाने से आप उसके कानूनी मालिक बन जाते हैं, तो सुप्रीम कोर्ट का हालिया फैसला आपकी यह धारणा तोड़ सकता है। देश की सर्वोच्च अदालत ने स्पष्ट किया है कि सिर्फ रजिस्ट्री करवा लेने से किसी संपत्ति पर मालिकाना हक नहीं बनता। इसके लिए कई अन्य दस्तावेजों और कानूनी प्रक्रियाओं की पूर्ति जरूरी है।

रजिस्ट्री - मालिकाना हक नहीं

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि रजिस्ट्रेशन एक जरूरी प्रक्रिया जरूर है, लेकिन यह मालिकाना हक (Ownership) का अंतिम प्रमाण नहीं है। वैध टाइटल डीड, म्युटेशन और पुराने सौदों की श्रृंखला (Chain of Title) जैसी चीजें मिलकर तय करती हैं कि असली मालिक कौन है।

ये दस्तावेज होना जरुरी

असली मालिक वही है जिसके पास हों ये दस्तावेज होंगे। सेल डीड की पूरी श्रृंखला (Chain of Sale Deeds), म्युटेशन सर्टिफिकेट (राजस्व रिकॉर्ड में नाम दर्ज), प्रॉपर्टी टैक्स, बिजली और पानी के बिल, कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र, अगर संपत्ति विरासत में मिली है और क्लियर टाइटल डीड, जिसमें कोई विवाद न हो। अगर आपके पास ये दस्तावेज होंगे तो ही आप संपत्ति के अगली मालिक कहलाएंगे। 

कब्जा - मालिकाना हक नहीं

कई लोग यह भी मानते हैं कि अगर वे किसी संपत्ति में सालों से रह रहे हैं तो वे उसके स्वाभाविक मालिक बन गए हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस सोच को भी खारिज किया है। अदालत ने कहा कि कब्जा होना और मालिक होना दो अलग-अलग बातें हैं। जब तक आपके पास वैध दस्तावेज नहीं होंगे, आप उस संपत्ति के कानूनी मालिक नहीं माने जाएंगे।

विरासत में मिली संपत्ति का क्या?

अगर आपको कोई संपत्ति विरासत में मिली है तो Legal Heir Certificate बनवाना अनिवार्य है। साथ ही म्युटेशन कराना होगा। जिससे सरकारी रिकॉर्ड में संपत्ति आपके नाम दर्ज हो सके। तभी आप संपत्ति पर कानूनी अधिकार जता सकते हैं।

बैंक और नगर निगम भी मांगते हैं स्पष्ट दस्तावेज

बैंक लोन देते समय यह सुनिश्चित करता है कि संपत्ति पर कोई विवाद न हो और टाइटल क्लियर हो। नगर निगम भवन निर्माण की अनुमति तभी देता है जब म्युटेशन प्रक्रिया पूरी हो और प्रॉपर्टी टैक्स नियमित हो।

ये दस्तावेज रखें सुरक्षित

सेल डीड और टाइटल डीड की कॉपी

दाखिल-खारिज (Mutation Certificate)

प्रॉपर्टी टैक्स रसीदें

बिजली और पानी के बिल

Legal Heir Certificate, यदि संपत्ति विरासत में मिली हो

सुप्रीम कोर्ट का आदेश 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि,केवल रजिस्ट्री करा लेने से आप संपत्ति के कानूनी मालिक नहीं बन जाते। मालिकाना हक का दावा तभी मजबूत होगा जब आपके पास सभी वैध दस्तावेज और स्वच्छ टाइटल होंगे।

क्या करें?

प्रॉपर्टी खरीदने से पहले सभी दस्तावेजों की जांच कराएं।

रजिस्ट्री के बाद जल्द से जल्द म्युटेशन कराएं।

बिजली, पानी, टैक्स से जुड़े सभी दस्तावेज अपने नाम पर अपडेट रखें।

विरासत संबंधी संपत्ति पर अधिकार के लिए कानूनी उत्तराधिकारी प्रमाणपत्र बनवाएं।