Bihar Election 2025: तेजस्वी यादव ने प्रत्याशियों का नाम किया तय ! राजद के इतिहास में सबसे बड़ा बदलाव, ‘A टू Z’ फॉर्मूला दिलाएगी सत्ता?

Bihar Election 2025: राजद के इतिहास में सबसे बड़ा बदलाव होने जा रहा है। तेजस्वी यादव राजद की छवि को सुधारने के लिए सबसे बड़ा कदम उठाने जा रहे हैं। तेजस्वी की ए टू जेड फॉर्मूला एनडीए की टेंशन बढ़ा सकती है।

तेजस्वी एनडीए की बढ़ाएंगे टेंशन - फोटो : social media

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही सियासी गतिविधियां तेज हो गई है। चुनाव दो चरणों में होने वाले हैं। पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को तो वहीं दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को होना है। हालांकि अब तक एनडीए और महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। इसी बीच जानकारी सामने आ रही है कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने राजद में सीट बंटवारे और उम्मीदवारों की चयन कर ली है। राजद की तैयारी अंतिम चरण में है और सीट बंटवारे का ऐलान होते ही राजद प्रत्याशियों का लिस्ट जारी हो जाएगा। इसके पहले भी जानकारी सामने आई थी कि राजद ने 50 सीटों पर उम्मीदवार को ना सिर्फ तय किया है बल्कि उनको उनकी क्षेत्र में चुनाव प्रसार करने का भी आदेश दे दिया है। 

तेजस्वी का  ‘A टू Z फॉर्मूला’

राजद सूत्रों के मुताबिक, इस बार तेजस्वी यादव ने टिकट वितरण में ‘A टू Z फॉर्मूला’ अपनाया है। पार्टी ने यह तय किया है कि वह 2020 के विधानसभा चुनाव में जिन 144 सीटों पर लड़ी थी उन्हीं सीटों पर दोबारा मैदान में उतरेगी। सूत्र बताते हैं कि तेजस्वी यादव ने इस बार जातीय समीकरणों में बड़ा बदलाव करते हुए पार्टी की छवि को नया रूप देने की रणनीति बनाई है।

राजद के इतिहास में बड़ा बदलाव 

तेजस्वी यादव का “A टू Z फॉर्मूला” केवल नारा नहीं, बल्कि एक व्यवहारिक चुनावी रणनीति बताई जा रही है। इसके तहत पार्टी 30 से 35 सीटें अति पिछड़ा वर्ग (EBC) को देने जा रही है जो अब तक आरजेडी के इतिहास में सबसे बड़ा बदलाव माना जा रहा है। यह कदम सीधे तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के कोर वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। इसी तरह, अगड़ी जातियों (Upper Castes) को भी साधने की पहल की गई है। आरजेडी इस बार 12 से 18 उम्मीदवार भूमिहार, राजपूत, ब्राह्मण और कायस्थ वर्ग से उतार सकती है। तेजस्वी का यह कदम पार्टी को उसकी पारंपरिक M-Y (मुस्लिम-यादव) राजनीति के टैग से बाहर निकालने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

एक दर्जन विधायकों के टिकट पर संकट

पार्टी के अंदरखाने से मिली जानकारी के अनुसार, तेजस्वी यादव ने इस बार उम्मीदवार चयन में सख्ती दिखाई है। लगभग एक दर्जन मौजूदा विधायकों के टिकट काटे जाने की संभावना है। खासतौर पर उन विधायकों का टिकट कट जाएगा जिनका प्रदर्शन कमजोर रहा या जो जनता के बीच अलोकप्रिय हो चुके हैं। 

एनडीए की वोट बैंक में लगेगी सेंध 

वहीं तेजस्वी यादव की यह रणनीति राजद को “सबका प्रतिनिधित्व करने वाली पार्टी” के रूप में पेश करने की कोशिश है। पार्टी अब यह संदेश देना चाहती है कि वह केवल यादवों की पार्टी नहीं, बल्कि सबसे पिछड़े, वंचित और अगड़ी जातियों की भी आवाज है। राजनीतिक जानकारों का कहना है कि अगर यह रणनीति सही ढंग से लागू होती है, तो यह न केवल पार्टी की छवि बदल सकती है, बल्कि एनडीए के वोट बैंक में भी सीधी सेंध लगा सकती है।