Bihar Politics: लालू परिवार से राबड़ी आवास छिनने का कारण बने तेजस्वी ! एक फैसले ने बना दिया बेघर...

Bihar Politics: लालू परिवार से राबड़ी आवास छीन गया है। अब लालू यादव अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं से नए पते पर मिलेंगे। लेकिन क्या आप जानते हैं कि तेजस्वी यादव की एक जिद ने राबड़ी आवास को उनके परिवार से छीन लिया है..आइए जानते हैं...

एक फैसला और छीन गया राबड़ी आवास?- फोटो : News4nation

Bihar Politics: बिहार में जहां एक ओर नई सरकार के गठन के बाद प्रशासनिक प्रक्रिया तेज है। तो वहीं दूसरी ओर लालू परिवार की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है। बिहार विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार और परिवारिक कलह के उजागर होने के बाद अब लालू परिवार से राबड़ी आवास भी छीन गया है। नई सरकार के भवन निर्माण विभाग ने विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष राबड़ी देवी के मौजूदा सरकारी आवास 10, सर्कुलर रोड का आवंटन रद्द कर दिया है। विभाग ने राबड़ी देवी को नया आवास 39, हार्डिंग रोड आवंटित किया है, जो अब उनका नया सरकारी पता होगा।

तेजस्वी की जिद से छीन गया बंगला ?

राबड़ी आवास के छीने जाने से राजद के कार्यकर्ताओं और नेताओं में गुस्सा है। राजद के नेता लगातार नीतीश सरकार पर हमला बोल रहे हैं। लेकिन अब आपको एक चौंकाने वाली बात बताते हैं। लालू परिवार से राबड़ी आवास नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के ही जिद के कारण छीन गई है। दरअसल, राबड़ी देवी का आवास बदले जाने की वजह सिर्फ राजनीतिक परिस्थितियाँ नहीं हैं, इसकी जड़ें 2017 की उस कानूनी लड़ाई में हैं जो तेजस्वी यादव की याचिका से शुरू हुई थी। 

तेजस्वी ने दायर की थी याचिका 

दरअसल, NDA सरकार बनने के बाद तेजस्वी यादव को डिप्टी सीएम पद छोड़ना पड़ा था और उन्हें आवंटित 5, देशरत्न मार्ग का बंगला खाली करने का नोटिस मिला। तेजस्वी उस बंगले पर काफी खर्च करा चुके थे और नेता प्रतिपक्ष के रूप में वहीं रहना चाहते थे। तेजस्वी ने भवन निर्माण विभाग के आदेश के खिलाफ पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की। यही कदम बाद में पूरी व्यवस्था बदलने का कारण बन गया।

हाईकोर्ट का क्या था फैसला 

बता दें कि, तब पटना हाईकोर्ट ने उस व्यवस्था को रद्द कर दिया था, जिसके तहत सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को आजीवन सरकारी आवास, सुरक्षा और सुविधाएं मुहैया करवाई जाती थीं। तेजस्वी यादव ने डिप्टी सीएम आवास खाली करने के नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। केस की सुनवाई के दौरान कोर्ट को पता चला कि 2010 में कानून में संशोधन कर पूर्व मुख्यमंत्रियों को जीवनभर बंगले आवंटित करने का प्रावधान किया गया था। जिसके बाद हाईकोर्ट ने न सिर्फ तेजस्वी यादव की याचिका खारिज की, बल्कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिलने वाली ये सुविधाएं भी समाप्त कर दीं। इसी आदेश के बाद राबड़ी देवी के आवास पर पुनर्विचार की स्थिति बनी।

तो...राबड़ी आवास में ही रहता लालू परिवार

राजनीतिक जानकारों की मानें तो अगर तेजस्वी तब कोर्ट नहीं गए होते, तो पूर्व मुख्यमंत्री होने के नाते राबड़ी देवी शायद आज भी 10, सर्कुलर रोड वाले बंगले में रह सकती थीं। लेकिन कोर्ट के फैसले ने पूर्व मुख्यमंत्रियों की सभी विशेष सुविधाओं पर रोक लगा दी। जिसका असर अब नई सरकार के गठन के बाद पूरी तरह से लागू हुआ है।

लालू परिवार का पुराना ठिकाना अब खाली होगा

लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी वर्षों से 10 सर्कुलर रोड में रह रहे थे। यह बंगला RJD के राजनीतिक रणनीतियों, प्रेस कॉन्फ्रेंसों, तेजस्वी–तेजप्रताप की बैठकों और पार्टी गतिविधियों का प्रमुख केंद्र रहा है। सरकार के नए आदेश के साथ यह बंगला अब इतिहास बनने की ओर है। वहीं नोटिस जारी होने के तुरंत बाद लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्या ने सोशल मीडिया पर नाराजगी जताते हुए लिखा कि, "सुशासन बाबू का विकास मॉडल… करोड़ों लोगों के मसीहा लालू प्रसाद यादव का अपमान पहली प्राथमिकता। घर से तो निकाल देंगे, बिहार की जनता के दिल से कैसे निकालिएगा?"

राजद ने बताया बदले की कार्रवाई

राबड़ी देवी के घर का आवंटन रद्द किए जाने को आरजेडी ने राजनीतिक प्रतिशोध करार दिया है। पार्टी प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने आरोप लगाया कि यह निर्णय भाजपा के बढ़ते दबाव और उसके हस्तक्षेप का परिणाम है। उन्होंने कहा कि राबड़ी लंबे समय से 10 सर्कुलर रोड में रह रही हैं और इस कदम से स्पष्ट है कि विपक्ष को निशाना बनाया जा रहा है।