Bihar Voter List Revision: बिहार में 87 फीसदी वोटरों तक पहुंचा रिवीजन फॉर्म, शेष के लिए बीएलओ फिर देंगे दस्तक, चुनाव आयोग ने समावेशन को बताया सर्वोच्च प्राथमिकता
Bihar Voter List Revision:कुछ मतदाता अब भी छूटे हुए हैं, जिनमें प्रमुख कारण बंद मकान, प्रवास, मृत्यु अथवा यात्रा पर होना शामिल हैं। बीएलओ प्रत्येक घर में तीन बार दस्तक देंगे ताकि कोई भी योग्य नागरिक सूची से वंचित न रह जाए।
Bihar Voter List Revision:बिहार की लोकतांत्रिक धड़कनों को और सशक्त करने की दिशा में, चुनाव आयोग ने मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान की प्रक्रिया को तेज कर दिया है। इस महाभियान के तहत राज्य के करीब डेढ़ करोड़ घरों में बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) का पहला दौरा संपन्न हो चुका है। अब तक 7.90 करोड़ पंजीकृत मतदाताओं में से 87 प्रतिशत से अधिक, यानी लगभग 6.86 करोड़ लोगों तक गणना फॉर्म पहुंच चुका है।
हालांकि कुछ मतदाता अब भी छूटे हुए हैं, जिनमें प्रमुख कारण बंद मकान, प्रवास, मृत्यु अथवा यात्रा पर होना शामिल हैं। परंतु आयोग का यह प्रयास यहीं नहीं थमता। बीएलओ प्रत्येक घर में तीन बार दस्तक देंगे ताकि कोई भी योग्य नागरिक सूची से वंचित न रह जाए। यह पुनरीक्षण आयोग के उस ध्येय वाक्य "समावेशन सर्वप्रथम" का मूर्त रूप है।
मतदाता स्वयं भी आंशिक रूप से भरे फॉर्म को ECINET ऐप या voters.eci.gov.in से डाउनलोड कर हस्ताक्षरित प्रति को अपलोड कर सकते हैं। अब तक लगभग 38 लाख हस्ताक्षरित फॉर्म बीएलओ को सौंपे जा चुके हैं।
इस अभियान में राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त 1.54 लाख बीएलए (बूथ लेवल एजेंट) सक्रिय सहयोग दे रहे हैं। इनमें भाजपा के 52,689, राजद के 47,504, जेडीयू के 34,669 और कांग्रेस के 16,500 बीएलए शामिल हैं। प्रत्येक बीएलए प्रतिदिन 50 प्रमाणित फॉर्म आयोग को सौंप सकता है, जिससे यह प्रक्रिया और तीव्र हो सके।
25 जुलाई 2025 तक सभी मतदाताओं को अपना हस्ताक्षरित फॉर्म जमा कराना अनिवार्य है, ताकि उनका नाम 1 अगस्त 2025 को प्रकाशित होने वाली ड्राफ्ट मतदाता सूची में सम्मिलित हो सके। इसके पश्चात, 2 अगस्त से आपत्तियों और दावों की प्रक्रिया आरंभ होगी। अंतिम मतदाता सूची 30 सितंबर 2025 को प्रकाशित की जाएगी, और असंतुष्ट मतदाता डीएम या सीईओ कार्यालय में अपील कर सकेंगे।
यह अभियान न केवल मतदाता सूची को अद्यतन करने का प्रयास है, बल्कि लोकतंत्र के उस बुनियादी मूल्य को साकार करने की कोशिश भी है जहाँ हर मत की अहमियत है और हर आवाज को जगह मिलनी चाहिए।