Amit Shah:कौन हैं वो दो नेता? शाह ने बड़ा आदमी बनाने का किया था वादा, भाजपा की रणनीति ,बिहार की रणभूमि में प्रचंड जीत की लिखी गई कहानी
Amit Shah:बिहार विधानसभा चुनाव के संग्राम में जहाँ एक ओर राजनीतिक आरोप–प्रत्यारोप का शोर था, वहीं दूसरी तरफ भाजपा के चुनावी अभियान का केंद्र बना गृह मंत्री अमित शाह का वह विशेष वादा “इन्हें प्रचंड बहुमत से जिताइए, हम इन्हें बड़ा आदमी बनाएंगे।”
Amit Shah:बिहार विधानसभा चुनाव के संग्राम में जहाँ एक ओर राजनीतिक आरोप–प्रत्यारोप का शोर था, वहीं दूसरी तरफ भाजपा के चुनावी अभियान का केंद्र बना गृह मंत्री अमित शाह का वह विशेष वादा “इन्हें प्रचंड बहुमत से जिताइए, हम इन्हें बड़ा आदमी बनाएंगे।” यह वादा सिर्फ एक भाषण का हिस्सा नहीं था, बल्कि उन दो दिग्गज नेताओं के प्रति पार्टी का भरोसा और जनता के लिए एक प्रत्यक्ष संदेश था कि अगर विकास चाहिए, तो भरोसेमंद नेतृत्व को मौका दीजिए।
पहला नाम सम्राट चौधरी का, बिहार के उपमुख्यमंत्री और तारापुर के मैदान के योद्धा।मुंगेर की धरती पर जनता को संबोधित करते हुए अमित शाह ने सम्राट के पक्ष में जो अपील की, उसमें सिर्फ राजनीतिक आग्रह नहीं था, बल्कि एक दृढ़ विश्वास भी झलक रहा था कि “मोदी जी सम्राट चौधरी को बड़ा आदमी बनाएंगे।”शाह ने मुंगेर में हुए विकास कार्यों का उल्लेख करते हुए डबल इंजन की सरकार के फायदे गिनाए और यह भी याद दिलाया कि भाजपा सिर्फ वादे नहीं करती, काम भी करके दिखाती है।जनता ने भी इस विश्वास को सिरे से स्वीकारते हुए सम्राट चौधरी को प्रचंड बहुमत दिया।तारापुर के नतीजे इसकी गवाही देते हैं—
भाजपा: 1,22,480 मत
आरजेडी (अरुण कुमार): 76,637 मत
जीत का अंतर: 45,843 मत
यह सिर्फ जीत नहीं, बल्कि जनादेश का स्पष्ट संदेश था कि तारापुर ने सम्राट पर भरोसा जताया है और शाह के वादे की नींव और मजबूत हो गई है।
दूसरी ओर सीतामढ़ी की राजनीतिक बिसात पर खड़े थे,अमित शाह के ‘दोस्त’ सुनील कुमार पिंटू। शाह ने मंच से साफ शब्दों में कहा कि पिंटू मेरा दोस्त है। इसे प्रचंड बहुमत से जिताइए, हम इसे बड़ा आदमी बनाएंगे।यह वाक्य सिर्फ व्यक्तिगत संबंध नहीं, बल्कि राजनीतिक स्नेह और नेतृत्व क्षमता पर भरोसे का सार्वजनिक एलान था।सीतामढ़ी की जनता ने भी इस विश्वास को बिना किसी संशय के अपनाया—
भाजपा (सुनील पिंटू): 1,04,226 मत
आरजेडी (सुनील कुमार): 98,664 मत
जीत का अंतर: 5,562 मत
पिंटू की जीत भले ही कम अंतर से रही हो, लेकिन यह स्पष्ट है कि अमित शाह की अपील और भाजपा की पकड़ ने यहाँ भी अपना असर छोड़ा।
बिहार की इस चुनावी दास्तान का सार यही है कि अमित शाह का “बड़ा आदमी” वादा अब राजनीतिक गलियारों में एक नई चर्चा का विषय बन चुका है। जनता ने भरोसा दिखाया है, अब बारी भाजपा नेतृत्व की है कि सम्राट चौधरी और सुनील पिंटू को किस तरह “बड़े आदमी” की भूमिका में आगे बढ़ाया जाए।बिहार की धरती ने फिर साबित किया है कि जहाँ भरोसा मिलता है, वहाँ जनादेश स्वतः चलकर आता है।