Bihar bypoll election 2024: सुबह सुबह मुख्यमंत्री आवास पहुंची इमामगंज से एनडीए प्रत्याशी दीपा मांझी, सीएम नीतीश से लिया जीत का आशीर्वाद
Bihar bypoll election 2024: इमामगंज विधानसभा सीट से एनडीए उम्मीदवार और जीतनराम मांझी की बहू दीपा मांझी सीएम नीतीश से मिलने पहुंची। दीपा मांझी के साथ उनके पति संतोष सुमन भी मौजूद थे।सीएम नीतीश ने दीपा मांझी को जीत का आशीर्वाद दिया।
Patna: बिहार के चार विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने अपने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। एनडीए में 4 विधानसभा सीटों में से दो सीटों पर बीजेपी तो एक सीट पर जदयू और एक सीट पर हम उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतरेंगे। बीजेपी के उम्मीदवार रामगढ़ औऱ तरारी विधानसभा सीट तो वहीं जदयू बेलागंज जबिक हम पार्टी के उम्मीदवार बेलागंज से चुनावी मैदान में हैं। वहीं बीते हम पार्टी ने इमामगंज सीट पर अपना उम्मीदवार रविवार को घोषित कर दिया। केन्द्रीय मंत्री जीतन राम माँझी ने दीपा मांझी को पार्टी उम्मीदवार बनाया है।
सीएम नीतीश से मिली दीपा मांझी
वहीं एनडीए उम्मीदवार बनने के अगले ही दिन दीपा मांझी मुख्यमंत्री आवास पहुंची। दीपा मांझी ने सोमवार (21 अक्टूबर) को सीएम आवास में सीएम नीतीश से मुलाकात की और उनसे जीत का आशीर्वाद लिया। इस दौरान दीपा मांझी के साथ उनके पति और जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन भी थे। दीपा मांझी ने सीएम नीतीश से मुलाकात कर उनसे चुनावी रणनीति को लेकर चर्चा की। सीएम नीतीश ने दीपा मांझी को जीत का मंत्र दिया। बता दें कि 13 नवंबर को बिहार के 4 विधानसभा सीट रामगढ़, इमामगंज, बेलागंज और तरारी पर उपचुनाव होना है।
ससुर ने जताया बहू पर भरोसा
इन सीटों पर नामांकन प्रक्रिया जारी है। 25 अक्टूबर को नामांकन की आखिरी तारीख है। इसके पहले सभी पार्टिय़ों ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। विदित हो कि दीपा माँझी हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार सरकार के मंत्री डॉ संतोष कुमार सुमन की पत्नी हैं। जीतन राम मांझी ने लोकसभा चुनाव में गया संसदीय सीट से चुनाव जीता इसलिए इमामगंज सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं। ऐसे में जीतन राम ने इस बार उपचुनाव में अपनी बहू पर बड़ा भरोसा जताते हुए दीपा मांझी को उम्मीदवार बनाया है।
मांझी का दबदबा
इमामगंज सीट पर वर्ष 2015 से जीतन राम मांझी विधायक हैं। दरअसल, 2015 के विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले जीतन राम मांझी को बिहार के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा । 2015 के चुनाव के समय जदयू और राजद के साथ गठबंधन था और मांझी ने अपनी पार्टी बना ली थी उस पार्टी का नाम था हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा । इस पार्टी का गठबंधन भाजपा के साथ था । वर्ष 2015 में अजेय समझे जाने वाले तत्कालीन जदयू उम्मीदवार और प्रदेश की राजनीति के दिग्गज समझे जाने वाले उदय नारायण चौधरी को करीब 30 हजार वोटों से जीतन राम माझी नें हराया था। रोचक बात यह है कि मांझी 2015 में दो जगह से चुनाव लड़े थे। तब मखदूमपुर सीट पर उनकी हार हुई थी औऱ 2020 के विधानसभा चुनाव में मांझी ने एक बार फिर उदय नारायण चौधरी को पटखनी दी ।
त्रिकोणीय मुकाबला
इस बार के विधानसभा उपचुनाव में राजद की ओर से राजेश मांझी उम्मीदवार हैं। वहीं जनसुराज ने डॉ जितेन्द्र पासवान को उम्मीदवार बनाया है। माना जा रहा है कि इस बार यहां त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा। इसमें जीतन राम मांझी की प्रतिष्ठा भी दांव पर है। उन्हें अपनी बहू और संतोष सुमन को अपनी पत्नी की जीत सुनिश्चित करने की चुनौती है।