Bihar Politics: 'बिहार में शराबबंदी सुपरफ्लॉप', तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश से पूछे 12 सवाल, कहा- होशमंद हैं तो जवाब दें...
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश से शराबबंदी कानून को लेकर 12 सवाल पूछे हैं। उन्होंने कहा है कि बिहार में शराबबंदी सुपरफ्लॉप हो गई है और यह सीएम के संस्थागत भ्रष्टाचार का एक छोटा सा नमूना है।
Bihar Politics: बिहार में शराबबंदी कानून के बीच जहरीली शराब से लगभग 39 लोगों की मौत हो गई है। छपरा, सिवान और गोपालगंज में जहरीली शराब से 39 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। वहीं इस घटना के बाद बिहार की राजनीति में हड़कंप मच गया है। विपक्ष के नेता लगातार नीतीश सरकार पर हमलावर हैं। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव सीएम नीतीश पर एक बाद एक हमला बोल रहे हैं। एक बार फिर अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार को घेरा है। साथ ही नीतीश सरकार से कई सवाल भी पूछे हैं।
सीएम नीतीश के भ्रष्टाचार का एक छोटा सा नमूना शराबबंदी
तेजस्वी यादव ने ट्विट कर लिखा कि, शराबबंदी नीतीश कुमार के संस्थागत भ्रष्टाचार का एक छोटा सा नमूना है। अगर शराबबंदी हुई है तो इसे पूर्ण रूप से लागू करना सरकार का दायित्व है लेकिन मुख्यमंत्री की वैचारिक व नीतिगत अस्पष्टता, कमजोर इच्छाशक्ति तथा जनप्रतिनिधियों की बजाय चुनिंदा अधिकारियों पर निर्भरता के कारण आज बिहार में शराबबंदी सुपरफ्लॉप है। सत्ताधारी नेताओं-पुलिस और शराब माफिया के नापाक गठजोड़ के कारण बिहार में 𝟑𝟎 हज़ार करोड़ से अधिक अवैध शराब का काला बाजार फला-फूला है।
शराबबंदी के बावजूद 𝟑 करोड़ 𝟒𝟔 लाख लीटर शराब बरामद
अगर शराबबंदी के बावजूद बिहार में 𝟑 करोड़ 𝟒𝟔 लाख लीटर शराब की कागजों में बरामदगी दिखायी जा रही है (एक ईमानदार वरीय पुलिस अधिकारी के अनुसार इसमें भी घपला है क्योंकि अवैध शराब की तस्करी के लिए पुलिस अधिकारी शराब पकड़ने/पकड़वाने का ढोंग रचते है जैसे की 𝟐𝟎 ट्रक शराब के बिहार में घुसाने पर एक टूटा-फूटा ट्रक पकड़वाते है उसमें भी शराब की बजाय कुछ और द्रव्य पदार्थ होता है)।
अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी होशमंद है तो इन सवालों का जवाब दें।
𝟏. अगर प्रतिवर्ष इतनी बड़ी मात्रा में शराब बरामद हो रही तो उसके दोषी कौन?
𝟐. सरकारी गुलाबी फ़ाइलों के अनुसार अवैध शराब से मरने वालों की संख्या 𝟑𝟎𝟎 से अधिक है लेकिन हक़ीक़त इससे विपरीत है, अब तक हजारों लोगों की अवैध शराब के कारण मौत नहीं बल्कि हत्या हुई है। इनका हत्यारा कौन और दोषी कौन? दोषियों पर क्या कारवाई हुई?
𝟑. क्या अब तक आज तक किसी बड़े पुलिस अधिकारी/पुलिस अधीक्षक पर कभी कोई कारवाई हुई?
𝟒. अगर पटना में शराब मिलती है तो उसका मतलब है 𝟓-𝟔 जिला पार कर यहाँ तक शराब पहुँची है, तो फिर यह उन सभी 𝟓-𝟔 जिलों की पुलिस की नाकामी है या नहीं?
𝟓. जानकारों के मुताबिक़ शराब माफिया मुख्यमंत्री से रिटायर्ड अधिकारी के मार्फ़त सीमावर्ती जिलों के पुलिस अधीक्षकों के पदस्थापन में खुली बोली के अंतर्गत पोस्टिंग करवाता है अर्थात् किस जिला में कौन अधिकारी जाएगा इसका चयन भी शराब माफिया ही करता है। क्या यह आरोप सही नहीं है?
𝟔. क्या यह सही नहीं है कि बिहार में शराबबंदी के बाद से अगस्त 𝟐𝟎𝟐𝟒 तक मद्यनिषेध विभाग की ओर से निषेध कानूनों के उल्लंघन से संबंधित कुल 𝟖.𝟒𝟑 लाख मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें कुल 𝟏𝟐.𝟕 लाख लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है।
𝟕. मुख्यमंत्री बतायें कि गिरफ़्तार लोगों में अधिकांश गरीब व वंचित वर्गों से ही क्यों है?
𝟖. अब तक 𝐃𝐒𝐏 अथवा उससे ऊपर के स्तर के कितने अधिकारियों को सजा मिली? कितने बर्खास्त हुए?
𝟗. प्रतिदिन पुलिस और उत्पाद विभाग की ओर से करीब 𝟔𝟔𝟎𝟎 छापेमारी होती है उसके बावजूद भी शराब की अवैध तस्करी जारी है तो इसका दोषी कौन?
𝟏𝟎. क्या गृहमंत्री सह मुख्यमंत्री इसकी ज़िम्मेवारी लेंगे?
𝟏𝟏. क्या यह संयोग है अथवा प्रयोग कि शराबबंदी में अधिकांश जदयू के नेता/कार्यकर्ता पकड़ाए जा रहे है?
𝟏𝟐. मुख्यमंत्री बतायें कि बिहार के हर चौक-चौराहों पर शराब के ठेके किसने खुलवाये?
तेजस्वी के 12 सवाल
तेजस्वी यादव ने सीएम नीतीश से कुल 12 सवाल पूछे हैं। तेजस्वी के इन सवालों ने बिहार में शराबबंदी की पोल खोल दी है। तेजस्वी यादव ने पूछा है कि अगर बिहार में शराबबंदी कानून लागू है तो फिर राज्य में इतनी बड़ी मात्रा में शराब क्यों बरामद हो रही है। यहीं नहीं तेजस्वी ने यह भी कहा है कि अगर कागजों में शराब की बरामदगी इतनी संख्या में दिखाई गई है तो इसमें घपला भी बड़े पैमाने पर हुआ होगा। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि बिहार में अगर शराबबंदी कानून लागू है तो फिर इस कानून को पूर्ण रुप से लागू सरकार सरकार का दायित्व है।
पटना से रंजन की रिपोर्ट