पटना-सासाराम फोरलेन हाईवे में फंसा पेच,ठेका रद्द, निर्माण प्रभावित, एनएचएआई ने बनाई ये नई रणनीति

Bihar News: पटना-सासाराम फोरलेन एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे की राह में फिलहाल सियासी और प्रशासनिक पेच फंस गया है।

पटना-सासाराम फोरलेन हाईवे में फंसा पेच- फोटो : social Media

Bihar News: पटना-सासाराम फोरलेन एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे की राह में फिलहाल सियासी और प्रशासनिक पेच फंस गया है। जिस ओमान की गल्फर इंजीनियरिंग एंड कंस्ट्रक्शन कंपनी को टेंडर मिला था, उसे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने रद्द कर दिया है। वजह यह है कि कंपनी को ओमान के गृह मंत्रालय से अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं मिला, जो सड़क निर्माण के लिए जरूरी मंजूरी है। इस बीच कंपनी ने प्राधिकरण को पत्र लिखकर आवेदन किया है कि दस दिनों के अंदर क्लीयरेंस पत्र मिल जाएगा, ताकि निर्माण प्रक्रिया को फिर से गति मिल सके।

एनएचएआई के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि अगर दस दिनों के भीतर क्लीयरेंस नहीं मिला, तो नई निविदा प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। परियोजना के निर्माण का लक्ष्य 2028 तक रखा गया है, लेकिन फिलहाल यह समयसीमा पेच फंसने के कारण चुनौतीपूर्ण दिखाई दे रही है। एनएचएआई अधिकारियों का प्रयास है कि अगले महीने तक टेंडर प्रक्रिया पूरी कर अविलंब निर्माण शुरू कर दिया जाए, ताकि परियोजना में और विलंब न हो।

पटना-सासाराम हाईवे परियोजना की कुल लागत 3712.40 करोड़ रुपए निर्धारित है। यह नेशनल हाईवे पटना से शुरू होकर भोजपुर और सासाराम तक जाएगा। सड़क की लंबाई 120 किलोमीटर होगी और इसे फोरलेन एक्सेस कंट्रोल्ड हाईवे के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके पूरा होने से पटना से सासाराम का सफर चार घंटे के बजाय दो घंटे में संभव होगा।

परियोजना दो चरणों में होगी। पहले चरण में पटना से भोजपुर तक 46 किमी, और दूसरे चरण में आरा से सासाराम तक 74 किमी लंबे हिस्से का निर्माण किया जाएगा। यह हाईवे शाहाबाद और अरवल जिले के साथ पटना की बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा, जीटी रोड से जोड़कर यह सड़क पटना से बनारस और उससे आगे आने-जाने का नया विकल्प भी मुहैया कराएगी।

एनएचएआई के परियोजना निदेशक ने स्पष्ट किया कि फिलहाल टेंडर रद्द है और ओमान कंपनी ने क्लीयरेंस के लिए दस दिनों का समय मांगा है। यदि यह संभव नहीं हुआ तो प्राधिकरण नई निविदा जारी करने पर विचार करेगा। इस स्थिति में निर्माण में विलंब और लागत में वृद्धि दोनों की संभावना है, लेकिन प्राधिकरण यथाशीघ्र कार्य प्रारंभ करने का पूरा प्रयास कर रहा है।