Multi Store-Mall:भारत सरकार के फैसले से लोगों की मिलेगी राहत! मॉल या मल्टीब्रांड रिटेल स्टोर में खरीदारी करने के बाद इस काम से मिलेगा छूटकारा

Multi Store-Mall: भारत में डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट लागू होने के बाद रिटेल स्टोर्स ग्राहकों से जबरन मोबाइल नंबर नहीं मांग सकेंगे। जानें नए नियमों के तहत ग्राहकों को क्या अधिकार मिलेंगे।

रिटेल स्टोर पर इस काम से मिलेगा छूटकारा- फोटो : SOCIAL MEDIA

Multi Store-Mall: आजकल आप किसी मॉल या मल्टीब्रांड रिटेल स्टोर में खरीदारी करने जाते हैं तो बिलिंग के वक्त आपसे मोबाइल नंबर मांगा जाता है। वजह बताई जाती है—बिल SMS/WhatsApp से भेजने या लॉयल्टी प्रोग्राम में जोड़ने की।

समस्या यह है कि सार्वजनिक जगह पर ज़ोर से मोबाइल नंबर बोलना डेटा लीक का खतरा बढ़ाता है।कई बार ग्राहक को विकल्प दिए बिना ही जबरन नंबर लिया जाता है।यह जानकारी बाद में थर्ड पार्टी को बेची भी जा सकती है।यानी ग्राहक की प्राइवेसी खतरे में रहती है।

डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट क्या कहता है?

भारत सरकार ने डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन एक्ट (DPDP Act) लाकर इस स्थिति को सुधारने की दिशा में कदम बढ़ाया है। नए नियमों के अनुसार अब कंपनियां ग्राहकों को मोबाइल नंबर न देने पर सेवा देने से मना नहीं कर सकतीं।हर डेटा कलेक्शन के लिए स्पष्ट (explicit) सहमति ज़रूरी होगी। अब 'implied consent' नहीं चलेगा।ग्राहकों को पहले ही बताना होगा कि डेटा क्यों लिया जा रहा है, कितने समय तक रखा जाएगा और कब डिलीट किया जाएगा।विज़िटर मैनेजमेंट सिस्टम और हाउसिंग सोसाइटी में भी यही नियम लागू होंगे।

ग्राहकों को क्या विकल्प मिलेंगे?

नए कानून के बाद स्टोर्स और सोसाइटीज़ को ग्राहकों को सुरक्षित विकल्प देने होंगे, जैसे कि ईमेल पर बिल भेजना,प्रिंटेड रसीद देना या कीपैड या डिजिटल सिस्टम से नंबर एंट्री करवाना ज़ोर से बोलने की जगह. यह गारंटी देना कि मोबाइल नंबर न तो दोबारा इस्तेमाल होगा और न ही किसी थर्ड पार्टी को बेचा जाएगा.

किन जगहों पर यह नियम लागू होंगे?

यह नियम केवल मॉल या बड़े स्टोर्स पर ही नहीं बल्कि, मल्टीब्रांड रिटेल स्टोर्स,हाउसिंग सोसाइटी गेट मैनेजमेंट,विज़िटर मैनेजमेंट सिस्टम्सऔर उन सभी जगहों पर लागू होंगे जहां नियमित तौर पर ग्राहकों/आगंतुकों से मोबाइल नंबर लिया जाता है।

ग्राहकों के लिए फायदे

अब आपका मोबाइल नंबर किसी भी पब्लिक प्लेस में ज़ोर से बोलने की मजबूरी नहीं होगी।आपकी जानकारी केवल आपकी अनुमति से ली और इस्तेमाल की जाएगी।आप जान पाएंगे कि आपका डेटा कब डिलीट होगा और क्यों लिया गया था। ईमेल या प्रिंटेड रसीद जैसे विकल्प उपलब्ध रहेंगे।