Bihar News: एक थप्पड़ से टूटा हौसला, फांसी पर झूल गई 16 साल की किशोरी, मां ने बचाई जान, हालत नाजुक

Bihar News: किशोरी ने मां की डांट और एक डंडे की मार के बाद फांसी लगाकर खुदकुशी की कोशिश की....

एक थप्पड़ से टूटा हौसला- फोटो : reporter

Bhojpur:कभी-कभी ज़िंदगी ऐसे मोड़ पर ले आती है जहां एक मामूली झिड़की भी किसी मासूम के लिए मौत की दस्तक बन जाती है। नारायणपुर थाना क्षेत्र के मड़नपुर गांव से एक झकझोर देने वाली घटना सामने आई है, जहां महज 16 साल की किशोरी ने मां की डांट और एक डंडे की मार के बाद फांसी लगाकर खुदकुशी की कोशिश की। गनीमत रही कि वक्त रहते मां की नजर पड़ गई और बेटी की जान बचा ली गई, मगर अब उसकी हालत नाज़ुक बनी हुई है।

किशोरी की पहचान फिरोज अली की पुत्री अजमेरी खातून के रूप में हुई है। घटना शुक्रवार की दोपहर की है। किशोरी की मां मेहरून बेगम के अनुसार, वह घर से बाहर गई हुई थीं। घर पर अजमेरी और उसका चार साल का भाई अकेले थे। छोटा भाई खेल के दौरान शरारत कर रहा था, जिससे गुस्से में आकर अजमेरी ने उसे थप्पड़ मार दिया। जब मां लौटीं, तो भाई ने रोते हुए शिकायत कर दी कि दीदी ने मारा है।गुस्से में मां ने छड़ी से बेटी को मार दिया। मामला यहीं शांत हो गया… या शायद सबको यही लगा। कुछ देर बाद अजमेरी कमरे में गई और अपनी ओढ़नी से बांस पर फांसी लगा ली।

जब मां बाहर जा रही थीं, तभी नज़र पड़ी—बेटी फंदे से लटक रही थी। चीख-पुकार मच गई, लोग दौड़े, दुपट्टा काटकर नीचे उतारा गया।उसे स्थानीय अस्पताल ले जाया गया, जहां से हालत गंभीर देखते हुए आरा सदर अस्पताल, और फिर पटना PMCH या एम्स के लिए रेफर किया गया। डॉक्टरों के अनुसार, गर्दन में फांसी के कारण खिंचाव हुआ है और स्थिति गंभीर है।

यह घटना मानसिक स्वास्थ्य और पारिवारिक संवाद की अनदेखी का खामियाज़ा बन गई। सवाल यह है—क्या एक थप्पड़ इतना भारी हो सकता है कि एक नन्हीं जान जीने से मुंह मोड़ ले?

रिपोर्ट- आशीष कुमार