महिला कॉलेज बड़हिया में पीजी पढ़ाई के लिए राज्यपाल से किया अनुरोध, मृणाल माधव ने शुरू की पहल

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता मृणाल माधव ने बड़हिया के छात्र-छात्राओं की पीजी की पढ़ाई स्थानीय स्तर पर सुनिश्चित कराने के लिए बड़ी पहल की है और राज्यपाल से इसे लेकर विशेष अनुरोध किया है.

Womens College Barhiya
Womens College Barhiya - फोटो : news4nation

Bihar Education News: लखीसराय के बड़हिया स्थित जिले के इकलौते महिला कॉलेज में पीजी की पढाई नहीं होने से छात्राओं को कई प्रकार की परेशानी झेलनी पड़ रही है. छात्राओं की इस परेशानी को दूर करने के लिए बड़हिया निवासी और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता मृणाल माधव ने राज्यपाल से अनुरोध किया है. उन्होंने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को इसे लेकर पत्र लिखा है. 


मृणाल माधव ने पत्र में लिखा है कि  मुंगेर विश्विद्यालय अंतर्गत 1959 में स्थापित बीएनएम कॉलेज बड़हिया और 1975 में स्थापित लखीसराय जिले का एकमात्र महिला महाविद्यालय बड़हिया में स्नातक की तो पढ़ाई होती है. हालांकि दोनों महाविद्यालयों में बड़े भवन और इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद होने के बावजूद सिर्फ विश्विद्यालय की इच्छाशक्ति कम होने की वजह से यहां बच्चे-बच्चियों को पीजी/स्नात्कोत्तर की पढ़ाई अथवा एडमिशन नहीं होता है। बड़हिया के इन दोनों कॉलेजों में करीब 50 गांव के बच्चे-बच्चियों का नामांकन होता है लेकिन वे पीजी में एडमिशन के लिए दूसरे जिलों या फिर दूसरे विश्विद्यालयों पर 50-100 किलोमीटर दूर निर्भर है जिस कारण अधिकांश विद्यार्थी स्नातकोत्तर से वंचित रह जातें है। 


उन्होंने कहा कि साथ ही इन दोनों कॉलेजों के संस्थापकों ने जिस उद्देश्य से आज से 75वर्ष पूर्व 20 एकड़ जमीन दान देकर महिला सशक्तिकरण और 'सब पढ़ें, सब बढ़ें' की सोच के साथ उन्होंने जो शुरुआत की थी वह फलीभूत नहीं हो पा रहा है। उन्होंने अनुरोध किया कि बड़हिया के बीएनएम कॉलेज और महिला महाविद्यालय बड़हिया में पीजी/स्नात्कोत्तर की पढ़ाई एवं एडमिशन की सौगात दी जाए ताकि हजारों बच्चें इससे लाभान्वित हो सकें।  

कमलेश की रिपोर्ट