Bihar Crime:पकड़ा गया साइबर ठगी का शातिर शिकारी, चांदन हाट से दिल्ली पुलिस ने दबोचा, इलाके में खौफ़ की फुसफुसाहट

Bihar Crime: बांका की सियासत से लेकर अपराध की दुनिया तक, बिहार इन दिनों सुर्ख़ियों के तख़्त पर है। ...

पकड़ा गया साइबर ठगी का शातिर शिकारी- फोटो : social Media

Bihar Crime:बांका की सियासत से लेकर अपराध की दुनिया तक, बिहार इन दिनों सुर्ख़ियों के तख़्त पर है। एक तरफ़ सियासी रणक्षेत्र में भाइयों की भिड़ंत, बगावत, बयानबाज़ी और वोटिंग के दिन मां की दुआ—तो दूसरी तरफ़ कानून की गिरफ़्त में आया साइबर ठगी का नया खिलाड़ी। चांदन थाना क्षेत्र का इलाक़ा बुधवार को अचानक पुलिस की गाड़ियों और खुफ़िया चेहरों की चहल-पहल से सरगर्म हो गया।

वेस्ट दिल्ली साइबर थाना की टीमएसआई अंकुर कोल्हान, सिपाही भूपेंद्र और सुनीलने चांदन पुलिस के सहयोग से चांदन हाट के पास अचानक दबिश दी। एकदम फ़िल्मी अंदाज में, बिना शोर-शराबे के, किसी को भनक तक न लगी और पप्पू केशरी का बेटा, शशि केशरी, हथकड़ियों में जकड़ लिया गया। इलाक़े में कानाफूसी शुरू“लगता है ऑनलाइन ठगी वाला मामला है दिल्ली पुलिस आई है बड़ा केस है!”

सूत्र बताते हैं, गिरफ्तार युवक पर आरोप है कि उसने साइबर जाल बिछाकर लाखों रुपये हड़पे। फोन, बैंक ऐप और डिजिटल पैसों के खेल में वह ऐसे फंसाता था कि सामने वाला कुछ समझ पाता, तब तक खाता साफ़। शिकायत दिल्ली में दर्ज हुई, तफ्तीश शुरू हुई, नंबर और लोकेशन ट्रेस हुआ और फिर पहुंच गई पुलिस सीधे चांदन।

गिरफ्तारी के बाद साइबर थाना की टीम आरोपी को बांका कोर्ट ले गई। जरूरी कानूनी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद उसे दिल्ली भेजा जाएगा, जहां उससे पूछताछ, रिमांड और पूरा राज़ उगलवाने की तैयारी है। पुलिस का मानना है कि यह अकेला खिलाड़ी नहीं कहीं न कहीं कोई बड़ा गिरोह, बड़ा नेटवर्क भी इससे जुड़ा हो सकता है। साइबर ठगी की दुनिया में एक चेहरा पकड़ने पर कई नकाब उतरते हैं।

थानाध्यक्ष श्रीकांत भारती ने बताया कि स्थानीय पुलिस ने पूरी मुस्तैदी से सहयोग किया। उन्होंने संकेत दिया कि अगर जांच में और नाम सामने आए, तो चांदन और आसपास तरीके से पूछताछ और गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं।इलाके के लोग हैरत में हैं “जो हमेशा बाज़ार चाय की दुकान पर दिखता था, वही इतना बड़ा साइबर खिलाड़ी निकलेगा, किसे पता था!”बुज़ुर्गों की जुबान पर एक ही जुमला जमाना डिजिटल हुआ तो चोर भी डिजिटल हो गए।

बांका से चंद्रशेखर भगत की रिपोर्ट