Chandan Mishra Murder Case शेरू सिंह को पटना लाने का काउंट डाउन शुरू! प्रोडक्शन वारंट का इंतजार!

चर्चित चंदन मिश्रा हत्याकांड में अप्राथमिकी अभियुक्त प.बंगाल के पुरुलिया जेल में बंद कुख्यात शेरू सिंह को पटना लाने खातिर पटना पुलिस ने कोर्ट में दिया आवेदन,पुरुलिया कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट लेकर शेरू को राजधानी लाकर करेगी पूछताछ

शेरू सिंह को पटना लाने का काउंट डाउन शुरू! प्रोडक्शन वारंट का इंतजार - फोटो : REPORTER

N4N डेस्क: राजधानी के एक निजी अस्पताल में खून की होली खेलने वाले गैंगस्टर चंदन मिश्रा हत्याकांड में अब कुख्यात शेरू सिंह का नाम सामने आ चुका है. पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जेल में बंद माफिया शेरू पर पटना पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है. पुरुलिया जेल में बंद कुख्यात शेरू सिंह पर भी केस दर्ज किया है. बक्सर के मूल निवासी शेरू को अप्राथमिकी अभियुक्त बनाया गया है.अब पुलिस उसे पुरुलिया जेल से रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया है. कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद पटना पुलिस प.बंगाल पुरुलिया कोर्ट से प्रोडक्शन वारंट लेकर शेरू को पटना लाकर पूछताछ करेगी. 


दरअसल, पारस अस्पताल में 17 जुलाई को हुई चंदन मिश्रा की हत्या में गिरफ्तार शूटरों तौसीफ, उसका मौसेरा भाई, बलवंत व रविरंजन से हुई पूछताछ और शेरू के खिलाफ इस केस में मिले वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर उसपर केस दर्ज किया गया है. 


शूटरों ने पुलिस को बताया था कि तौसीफ उर्फ बादशाह, मोनू, बलवंत, नीलेश और रविरंजन को चंदन की हत्या के लिए 5-5 लाख की सुपारी दी गई थी. पुलिस को इसके भी पुख्ता सबूत मिले हैं. पुलिस के लिए सबसे बड़ी चुनौती उन हथियारों को बरामद करना है जिनसे चंदन को 28 गोलियां मारी गई थीं.


सिरियल किलर कीक्राइम कुंडली


सबसे पहले शेरू सिंह ने अपने ही गांव दुल्लहपुर, सिमरी में 6 सितम्बर 2009 को अनिल कुमार सिंह की हत्या कर दी थी.

10 मार्च वर्ष 2011 को बक्सर औद्योगिक थाना क्षेत्र में पूर्व मुखिया मो. नौशाद को मार डाला था।

11 अप्रैल को आरा नवादा थाना क्षेत्र अन्तर्गत ब्लाक रोड के ठीक सामने स्थित गली में कोचिंग संचालक हरि नारायण सिंह की हत्या

इसके बाद 20 अप्रैल वर्ष 2011 बक्सर औद्योगिक थाना क्षेत्र में भरत राय की हत्या कर दी गई थी।

4 मई वर्ष 2011 को बक्सर टाउन थाना क्षेत्र में जेल के एक क्लर्क हैदर अली को मार डाला था।

26 जुलाई वर्ष 2011 को ही बक्सर औद्योगिक थाना क्षेत्र में शिवजी खरवार को मौत की नींद सुला दिया गया था।

31 जुलाई वर्ष 2011 को बक्सर टाउन थाना इलाके में ही मो.निजामुद्दीन की हत्या कर दी गई थी।

इसके बाद 21 अगस्त 2011 वर्ष को भोजपुर के चुना व्यवसायी राजेन्द्र केसरी को बक्सर टाउन थाना इलाके में ही मौत की नींद सुला दिया गया था।


कौन है  शेरू सिंह?

वर्त्तमान में वेस्ट बंगाल के पुरुलिया जेल में बंद शेरू का असली नाम ओंकार नाथ सिंह है.पिता का नाम कृष्ण सिंह है. पिता झारखण्ड पुलिस से बतौर दारोगा रिटायर्ड हुए है. इस का एक सगा भाई है जिसका नाम प्रणव कुमार सिंह उर्फ बबुआ सिंह है.वही इसके चाचा दीनबंधू सिंह बिहार पुलिस में बतौर दारोगा कार्यरत है. पिता और चाचा के पुलिस में होने की वजह से शेरू गाव ज़वार में दबंगई दिखने लगा था. 

बकौल ग्रामीणों के स्कूल में पढाई के दौरान ही शेरू मारपीट में आगे रहता था. समय के साथ ही इसकी दबंगई और संगती का दायरा बढ़ता गया और फिर कथित तौर पर इश्कबाजी में इसने अपने गाँव में ही 6 सितम्बर 2009 को अनिल कुमार सिंह की हत्या कर दी. यही से इसके आपराधिक जीवन का आरम्भ हुआ. फिर इसने पीछे मुड़कर नहीं देखा. यह कितना सनकी और सिरफिरा है इसक अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते है की इसने वर्ष 2011 में महज 6 माह के अन्दर 8 लोगों की हत्या कर कोहराम मचा दिया. हद तो ये की भागलपुर जेल में रहते इस कुख्यात पर अपने मौसेरे भाई फाइटर सिंह जिससे पूर्व से विवाद चल रहा था के भाई हप्पू पर दिन दहाड़े हमले का संगीन आरोप लगा. इस कांड में शेरू का सगा भाई, चाचा और चहेरे भाई को नामज़द किया गया. तदुपरांत पुलिसकर्मी चाचा दीनबंधु सिंह और चचेरे भाई प्रभाकर सिंह ने कोर्ट में सरेंडर कर दिया.