Ritlal Yadav News: पटना में तेज हुई कानूनी हलचल! रीतलाल यादव ने पटना कोर्ट में दाखिल की नई बेल बॉन्ड, हाईकोर्ट ने दिया री-ट्रायल का आदेश

Ritlal Yadav News: सत्यनारायण सिंह हत्याकांड में आरजेडी विधायक रीतलाल यादव ने पटना एमपी-एमएलए कोर्ट में नई बेल बॉन्ड दाखिल की। हाईकोर्ट ने केस के पुनर्विचार (री-ट्रायल) का आदेश दिया है।

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रीतलाल यादव के केस में नया मोड़- फोटो : SOCIAL MEDIA

Ritlal Yadav News: सत्यनारायण सिंह हत्याकांड में मंगलवार (7 अक्टूबर 2025)  को आरजेडी विधायक रीतलाल यादव की जमानत को लेकर कानूनी हलचल तेज हो गई।एमपी-एमएलए कोर्ट की विशेष अदालत में रीतलाल यादव ने नई बेल बॉन्ड (Fresh Bail Bond) दाखिल की।उन्हें भागलपुर जेल से प्रोडक्शन वारंट के जरिए पेश किया गया था।

हाल ही में पटना हाईकोर्ट ने इस मामले में विशेष अदालत के पुराने फैसले को रद्द करते हुए केस को पुनर्विचार (री-ट्रायल) के लिए वापस भेज दिया था।हाईकोर्ट ने पटना की विशेष अदालत को निर्देश दिया है कि चार माह के भीतर पुनः सुनवाई पूरी कर निर्णय सुनाया जाए।

2003 की रैली में हुई थी भाजपा नेता की हत्या

यह मामला वर्ष 2003 का है, जब 30 अप्रैल 2003 को आरजेडी की तेल पिलावन-लाठी घुमावन रैली के दौरान दानापुर थाना क्षेत्र के जमालुद्दीन चौक के पास भाजपा नेता और दानापुर की पूर्व विधायक आशा सिंह के पति सत्यनारायण सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। अगले ही दिन, यानी 1 मई 2003 को आशा सिंह ने इस घटना की एफआईआर दर्ज कराई,जिसमें रीतलाल यादव, सुनील यादव उर्फ काना, संजय यादव उर्फ बेगा और श्रवण यादव पर हत्या का आरोप लगाया गया।यह मामला लंबे समय तक अदालत में चला, लेकिन वर्षों बाद पर्याप्त साक्ष्य न मिलने के कारण सभी आरोपियों को विशेष अदालत ने बरी कर दिया था।

हाईकोर्ट का आदेश: चार महीने में दोबारा सुनवाई

पीड़ित पक्ष ने विशेष अदालत के फैसले को पटना हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद पाया कि कुछ साक्ष्यों की सही तरीके से समीक्षा नहीं की गई,इसलिए अदालत ने फैसला रद्द करते हुए इसे री-ट्रायल (पुनर्विचार) के लिए पटना एमपी-एमएलए कोर्ट को भेज दिया। हाईकोर्ट के आदेश के अनुसार मामले की दोबारा सुनवाई चार माह की समय सीमा के भीतर पूरी की जाए और सभी पक्षों को न्याय सुनिश्चित किया जाए।”इस आदेश के बाद मंगलवार को रीतलाल यादव की अदालत में पेशी हुई और उन्होंने नई बेल बॉन्ड दाखिल की।

बाहुबली छवि से विधायक तक का सफर

रीतलाल यादव का नाम बिहार की राजनीति में लंबे समय से एक बाहुबली नेता के रूप में जाना जाता है।उन्होंने 2010 में निर्दलीय चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए।इसके बाद जेल में रहते हुए दानापुर विधान परिषद (MLC) का चुनाव जीतकर चर्चाओं में आए। वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी ने उन्हें दानापुर सीट से उम्मीदवार बनाया।उन्होंने बीजेपी की आशा सिंह को लगभग 16,000 वोटों के अंतर से हराकर शानदार जीत दर्ज की।उनकी राजनीतिक यात्रा अक्सर अपराध, शक्ति और जनसमर्थन के मिश्रण के रूप में देखी जाती है।

चुनाव से पहले कानूनी फैसला, सियासी मायने गहरे

बिहार में 6 और 11 नवंबर 2025 को दो चरणों में मतदान होना है।ऐसे में रीतलाल यादव के केस पर कानूनी हलचल ने चुनावी चर्चाओं में नया मोड़ जोड़ दिया है।राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि अगर रीतलाल यादव को अदालत से राहत मिलती है,

तो यह आरजेडी के लिए एक मजबूत राजनीतिक संकेत होगा।लेकिन अगर मामला उल्टा जाता है, तो विपक्ष इसे ‘न्याय व्यवस्था पर दबाव’ का मुद्दा बनाएगा। इस केस का असर केवल दानापुर सीट तक सीमित नहीं रहेगा,बल्कि आसपास की कई पाटलिपुत्र क्षेत्र की सीटों पर भी समीकरण बदल सकते हैं।