Bihar Police: 'गेमिंग ऐप' के नाम पर 24 लाख की ठगी,कटिहार साइबर पुलिस ने सरगना को दबोचा, डेढ़ करोड़ का ट्रांजैक्शन उजागर

Katihar:'गेमिंग ऐप' के माध्यम से अधिक मुनाफे का लालच देकर साइबर अपराधों को अंजाम देने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश करते हुए साइबर थाना पुलिस ने एक महत्वपूर्ण गिरफ्तारी की है।

'गेमिंग ऐप' के नाम पर 24 लाख की ठगी- फोटो : reporter

Katihar:'गेमिंग ऐप' के माध्यम से अधिक मुनाफे का लालच देकर साइबर अपराधों को अंजाम देने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश करते हुए कटिहार साइबर थाना पुलिस ने एक महत्वपूर्ण गिरफ्तारी की है। पुलिस ने इस गिरोह के एक मुख्य आरोपी को धर दबोचा है, जिसके बैंक खाते में सिर्फ एक महीने में डेढ़ करोड़ रुपये से अधिक के लेनदेन का खुलासा हुआ है। यह गिरफ्तारी एक शिक्षिका के बैंक खाते से 'गेमिंग ऐप' के जरिए 24 लाख रुपये उड़ाए जाने के हालिया मामले से जुड़ी है।

पूर्णिया से हुई मुख्य आरोपी की गिरफ्तारी

कटिहार साइबर थाना के डीएसपी वसीम फिरोज ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान पूर्णिया जिले के बारहरा कोठी निवासी विनोद कुमार के रूप में हुई है। विनोद कुमार पिछले कई महीनों से अपने गिरोह के साथ मिलकर 'गेमिंग ऐप' के नाम पर साइबर अपराध को अंजाम दे रहा था और लोगों के बैंक खातों में सेंध लगा रहा था। कटिहार पुलिस साइबर थाना में दर्ज मामले के आधार पर गहन अनुसंधान करते हुए विनोद को पूर्णिया से गिरफ्तार करने में सफल रही।

करोड़ों का लेनदेन और शिक्षिका के पैसे की बरामदगी

साइबर डीएसपी ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी विनोद के बैंक खाते से सिर्फ एक महीने में डेढ़ करोड़ रुपये (₹1.5 करोड़) का भारी-भरकम ट्रांजैक्शन हुआ है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि शिक्षिका के बैंक अकाउंट से लूटे गए 24 लाख रुपये में से अभी भी पांच लाख रुपये विनोद के इसी अकाउंट में मौजूद हैं। पुलिस उसके बैंक खाते के अन्य विवरणों को भी खंगाल रही है ताकि इस गिरोह के पूरे नेटवर्क का पता लगाया जा सके।

पुलिस की चेतावनी: 'गेमिंग ऐप' से रहें सावधान

इस मामले के उद्भेदन के साथ-साथ, साइबर थाना पुलिस ने आम जनता को साइबर धोखाधड़ी से बचने के लिए महत्वपूर्ण सलाह भी दी है। पुलिस ने लोगों को सजग करते हुए कहा है कि उन्हें किसी भी प्रकार के अवैध 'गेमिंग ऐप' से हमेशा बचना चाहिए। विशेष रूप से, किसी भी 'गेमिंग ऐप' के लिए अपने बैंक खाते को ऑटो-डेबिट मोड में नहीं रखना चाहिए, अन्यथा किसी के साथ भी ऐसी बड़ी ठगी हो सकती है।

रिपोर्ट- श्याम कुमार सिंह