Bihar crime: तेज रफ्तार ट्रेनों पर पत्थरबाजों का हमला! वंदे भारत और सप्तक्रांति एक्सप्रेस के एसी कोच बने निशाना, यात्री डरे-सहमे
Bihar crime: पटरी पर रफ्तार से दौड़ती हाईटेक ट्रेनें अब असामाजिक तत्वों के निशाने पर हैं।पत्थरबाज़ी की घटनाओं ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।...
Bihar crime: पटरी पर रफ्तार से दौड़ती हाईटेक ट्रेनें अब असामाजिक तत्वों के निशाने पर हैं। मुजफ्फरपुर-नरकटियागंज रेलखंड पर लगातार हो रही पत्थरबाज़ी की घटनाओं ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बीते 24 घंटे में वंदे भारत एक्सप्रेस और सप्तक्रांति एक्सप्रेस पर पत्थरबाज़ी की दो घटनाएं सामने आईं हैं। रविवार सुबह गोरखपुर से पाटलिपुत्र जा रही वंदे भारत एक्सप्रेस पर महवल-मोतीपुर के बीच शरारती तत्वों ने पत्थर फेंका, जिससे सी-6 कोच की खिड़की का शीशा चकनाचूर हो गया। गनीमत रही कि उस सीट पर कोई यात्री नहीं था, वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
हालांकि ट्रेन में ट्रिपल लेयर शीशे लगे होते हैं, जिससे अंदरूनी नुकसान टला, लेकिन बार-बार हो रही घटनाएं चिंता बढ़ा रही हैं। सूचना पाकर मुजफ्फरपुर स्टेशन पर कैरेज विभाग ने मरम्मत की, और आरपीएफ ने मामले की जांच शुरू की।
खुफिया इनपुट के आधार पर सामने आया कि घटना में एक किशोर शामिल था, जो ‘खेल-खेल’ में ट्रेन पर पत्थर फेंक रहा था। उसकी पहचान हो चुकी है और वीडियो फुटेज मंगाने के लिए आरपीएफ अधिकारी को गोरखपुर भेजा गया है।ये पहली घटना नहीं है। 30 जून को भी वंदे भारत एक्सप्रेस पर दो किशोरों ने पत्थर मारा था, जिनकी पहचान कर उन्हें मुजफ्फरपुर पर्यवेक्षण गृह में रखा गया है।
इधर, शनिवार रात पश्चिम चंपारण के हरिनगर के पास सप्तक्रांति एक्सप्रेस के ए-2 कोच पर भी पत्थरबाज़ी हुई, जिससे 31 नंबर बर्थ का शीशा टूट गया। इस घटना की सूचना सोनपुर और समस्तीपुर कंट्रोल को तो दी गई, लेकिन नरकटियागंज आरपीएफ इंस्पेक्टर आरआर कश्यप को भनक तक नहीं लगी, जिससे उनकी कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं।चार दिनों में यह सप्तक्रांति एक्सप्रेस पर दूसरी वारदात है। इससे पहले कानपुर के पास बी-1 कोच पर पत्थर मारा गया था।
घटनाओं से सहमे यात्री अब रेल मंत्री और जोनल हेडक्वार्टर तक शिकायतें कर रहे हैं। यात्री प्रशांत कुमार ने हरिनगर स्टेशन के पास अज्ञात लोगों द्वारा हुई पत्थरबाज़ी की जांच की मांग की है।