Bikramganj bribery case: निगरानी विभाग की कार्रवाई पर बड़ा सवाल, सीसीटीवी फुटेज से मचा बवाल , पटना से रोहतास तक हंगामा, 1.60 लाख रुपये की रिश्वत लेते अरेस्ट हुआ था बिक्रमगंज SDO का आदेशपाल

बिक्रमगंज अनुमंडल कार्यालय में निगरानी विभाग की हालिया कार्रवाई अब सवालों के घेरे में आ गई है। कार्यालय में लगे सीसीटीवी फुटेज से घटनाक्रम के अहम पहलू सामने आए हैं।

निगरानी विभाग की कार्रवाई पर बड़ा सवाल- फोटो : reporter

Bikramganj bribery case: रोहतास के बिक्रमगंज अनुमंडल कार्यालय में निगरानी विभाग की हालिया कार्रवाई अब सवालों के घेरे में आ गई है। कार्यालय में लगे सीसीटीवी फुटेज से घटनाक्रम के अहम पहलू सामने आए हैं।

फुटेज में देखा जा सकता है कि चपरासी विनोद कुमार अपनी कुर्सी पर बैठे हैं और इसी दौरान परिवादी उनके पीछे फाइल में पैसे रख देता है। इसके कुछ ही देर बाद निगरानी टीम ने मौके पर पहुंचकर विनोद कुमार को पकड़ लिया।

विनोद कुमार का कहना है कि उनका इस लेन-देन से कोई संबंध नहीं है और उन्हें परिवादी ने फंसाया है। उन्होंने यह भी साफ किया कि वह कोई भ्रष्ट गतिविधि नहीं कर रहे थे।

कल की गिरफ्तारी के बाद देर रात ही विनोद कुमार को छोड़ दिया गया। हालांकि निगरानी विभाग ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर स्पष्ट किया है कि जांच अभी जारी है और मामले की गहन समीक्षा की जा रही है।

इस घटना ने रोहतास में कार्यालयीन कार्रवाई और निगरानी विभाग की पद्धति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सीसीटीवी फुटेज से सामने आए इस खुलासे ने यह दिखाया है कि सिर्फ गिरफ्तारी करना ही पर्याप्त नहीं, बल्कि सबूतों की पारदर्शिता और निष्पक्ष जांच भी जरूरी है।

बता दें मंगलवार को निगरानी विभाग ने बिक्रमगंज अनुमंडल पदाधिकारी के आदेशपाल बिनोद कुमार को 1.60 लाख रुपये रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। निगरानी डीएसपी नरेन्द्र कुमार ने बताया था कि  कि धनगाई निवासी राकेश कुमार के शिकायत पर यह कार्रवाई हुई है। शिकायत के बात इसका सत्यापन किया गया और जांच में यह सही पाई गई। तय रकम देने जब बुधवार को परिवादी आया तो आदेशपाल बिनोद कुमार ठाकुर ने सीसीटीवी का हवाला देते हुए रुपये पीछे की ओर रख देने को कहा।इसके बाद तुरंत ही निगरानी विभाग की टीम ने उसे दबोच लिया। यह मामला धनगाई में भूमि विवाद का है। इस मामले में डीएसपी ने बताया कि वह किस वरीय अधिकारी के लिए रिश्वत लिया है इसकी जांच होगी।